CricketNews

1986 में ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप फाइनल के दौरान कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी दबाव में रो रहे थे- अकरम

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम (Wasim Akram) ने खुलासा किया है कि जब 1986 में भारत और पाकिस्तान के बीच ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप फाइनल ऐसी स्थिति में आ गया था और एक समय ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान ये मैच हार सकता हैं। ऐसे में कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने ड्रेसिंग रूम में रोना शुरू कर दिया था।

Advertisement

वसीम अकरम स्टार स्पोर्ट्स पर भारत बनाम पाकिस्तान के बीच लोकप्रिय हुए मैचों को याद कर रहे थे और उन्होंने कहा कि जब 1986 का ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप हुआ था तब वह पाकिस्तान की टीम में एक युवा खिलाड़ी थे। चूंकि वह एक गेंदबाजी ऑलराउंडर थे इसलिए उन्होंने अन्य टेल-एंडर्स से आगे बल्लेबाजी की और जब वह आउट होकर पवेलियन लौटे तो उन्होंने अपने कुछ साथियों को रोते हुए देखा।

वसीम के अनुसार, वो हैरान हो गए थे कि लोग क्रिकेट के गेम पर क्यों रो रहे थे और उन्होंने उन खिलाड़ियों से पूछा “तुम रो क्यो रहे हो? वसीम ने कहा कि खिलाड़ियों ने उनसे कहा कि पाकिस्तान को उस मैच को किसी भी कीमत पर जीतने की जरूरत है और वे पाकिस्तान को हारते हुए नहीं देख सकते।

Advertisement

मैंने उनसे कहा कि रोने से आप क्रिकेट मैच नहीं जीत सकते: वसीम अकरम

वसीम ने खुलासा किया कि उन्होंने उन खिलाड़ियों से कहा कि अगर आंसू बहाकर क्रिकेट का खेल जीतना संभव है, तो वह खुद पाकिस्तान को जीत दिलाने के लिए उनके साथ आंसू बहाएंगे, लेकिन पाकिस्तान रोकर नहीं जीत सकता और उन्हें बस शांत रहना चाहिए और मैच देखना चाहिए।

Advertisement

अंत में पाकिस्तान जीत गया। अंतिम ओवर भारतीय मध्यम तेज गेंदबाज चेतन शर्मा करने आये थे उन्हें ओवर की आखिरी गेंद पर 4 रन का बचाव करना था जिसे करने में वो फेल हो गए। चेतन शर्मा द्वारा यॉर्कर का प्रयास गलत हो गया और पाकिस्तान के मध्य क्रम के बल्लेबाज जावेद मियांदाद, जो उस समय अपने करियर के चरम पर थे, उन्होंने उस फुलटॉस गेंद को मैदान से बाहर भेज दिया। पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) ने हाल ही में खुलासा किया था कि उस मैच में मिली हार से भारतीय खिलाड़ियों के मनोबल पर बुरा असर पड़ा था।

Advertisement

Related Articles

Back to top button