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5 दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट तो खेला लेकिन मेडल नहीं जीत सके

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 इंग्लैंड में हो रहे है और इस बार काफी लंबे समय बाद इसमें क्रिकेट खेला जा रहा है। इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने भी हिस्सा लिया है और टीम की कप्तान ऑलराउंडर हरमनप्रीत कौर के हाथों में है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस टूर्नामेंट का पहला मैच खेला था जिसमें उन्हें 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं बहुत कम फैंस इस बात से अंजान होंगे कि 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स मलेशिया में खेला गया था।

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इस टूर्नामेंट में मेंस क्रिकेट भी खेला गया था और यह 50 ओवर का फॉर्मेट था। इस टूर्नामेंट में कुल 16 टीमों ने हिस्सा लिया था जहां साउथ अफ्रीका टीम ने गोल्ड मेडल जीता, ऑस्ट्रेलिया ने सिल्वर मेडल और न्यूजीलैंड ने ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया था। 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में कुछ दिग्गज क्रिकेट खेलते हुए नजर आये थे लेकिन मेडल नहीं जीत पाए थे। तो आज हम आपको उन 5 दिग्गज क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे है जो 1998 का कॉमनवेल्थ गेम्स में खेले लेकिन मेडल जीतने में नाकाम रहे है।

1. सचिन तेंदुलकर

भारत टूर्नामेंट के ग्रुप बी में शामिल था। ऑस्ट्रेलिया अपने ग्रुप में टॉप पर जगह बनाने में कामयाब रहा था जबकि भारत तीसरे स्थान पर रहा। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी उस मेगा इवेंट में भारतीय टीम का हिस्सा थे।

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सचिन के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 463 मैच खेले है और 44.83 के औसत की मदद से 18426 रन बनाये है। वनडे में उनके नाम 49 शतक, 1 दोहरा शतक और 96 अर्धशतक दर्ज है।

2. अनिल कुंबले

पूर्व भारतीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) 1998 में मलेशिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय क्रिकेट टीम के उप-कप्तान थे। वहीं टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी अजय जडेजा को दी गयी थी। भारत टूर्नामेंट में तीन में से केवल एक मैच ही जीतने में सफल रहा है।

अनिल कुंबले ने भारत के लिए 271 मैच खेले है और 30.89 के औसत की मदद से 337 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाने में सफलता पायी है। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 12 रन देकर 6 विकेट लेना रहा है। इस दौरान उन्होंने 4.30 के इकॉनमी रेट से रन खर्च किये थे।

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3. वीवीएस लक्ष्मण

इस लिस्ट में पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) भी इस लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। वो भी मलेशिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम के साथ गए थे। हालांकि लक्ष्मण और इस इवेंट में अपने देश को कोई मेडल नहीं जिता पायी थी। लक्ष्मण का टेस्ट में जितना अच्छा रिकॉर्ड था उतना अच्छा रिकॉर्ड वनडे में नहीं था।

दाएं हाथ के बल्लेबाज लक्ष्मण के वनडे करियर की बात की जाये तो उन्होंने 86 मैच खेले है और 30.76 के औसत की मदद से 2338 रन बनाये है। इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 10 अर्धशतक लगाए है।

4. शोएब अख्तर

रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को रिप्रेजेंट किया था। ग्रुप डी में पाकिस्तान तीन मैचों में एक जीत के साथ दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा। न्यूजीलैंड उस ग्रुप में टॉप पर था और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था।

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दाएं हाथ के तेज गेंदबाज के वनडे करियर की बात की जाये तो उन्होंने 163 वनडे मैच खेले है और 24.98 के औसत की मदद से 247 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है। इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 4.77 का रहा है।

5. कर्टली एम्ब्रोस

पूर्व कैरेबियाई तेज गेंदबाज महान तेज गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस (Curtly Ambrose) 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में एंटीगुआ और बारबुडा टीम के सदस्य थे। उनकी टीम ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रही थी।

एम्ब्रोस के वनडे करियर की बात की जाए तो उन्होंने 176 मैच खेले है और 24.12 के औसत से 225 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाने में सफलता पायी है।

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