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कोहली-गांगुली विवाद पर, सौरभ गांगुली के बोलने से खुश नहीं हैं दिलीप वेंगसरकर

पूर्व मुख्य चयनकर्ता हैं दिलीप वेंगसरकर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने इस बात को लेकर निराशा जताई है कि, विराट कोहली को बर्खास्त करने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मीडिया से बात क्यों की। जबकि, वास्तव में मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा को सामने आते हुए कारण बताना चाहिए था।

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दिलीप वेंगसरकर ने खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा है कि, यह तय करना बीसीसीआई अध्यक्ष पर निर्भर नहीं है कि कौन टीम का कप्तान होगा और किसे हटाया जाएगा। खिलाड़ियों के चयन या कप्तानों की नियुक्ति या बर्खास्तगी के संबंध में कोई भी निर्णय हमेशा चयन समिति द्वारा किया जाता है। यह कुछ ऐसा है जो 1932 से लगातार चला आ रहा है।

दिलीप वेंगसरकर ने यह भी कहा कि, जब कोहली को बर्खास्त किया गया था, तो चयनकर्ताओं के अध्यक्ष चेतन शर्मा का कर्तव्य था कि वे सामने आएं। और, स्पष्ट करें कि यह निर्णय क्यों लिया गया था। गांगुली के सामने आने और निर्णय के बारे में मीडिया से बात करने का कोई कारण नहीं था जो उनके अधिकार क्षेत्र में भी नहीं आता है। क्योंकि यह चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली चयन समिति के अधिकार क्षेत्र का मामला है।

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2008 में जब गांगुली को बाहर किया गया था तब दिलीप वेंगसरकर मुख्य चयनकर्ता थे

गौरतलब है कि, दिलीप वेंगसरकर साल 2008 में चयन समिति के अध्यक्ष थे। तब, चयनकर्ताओं ने सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को एकदिवसीय क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया था। जिसके बाद, चयन समिति को इसके लिए काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन, इसके बाद जब भारतीय युवा खिलाड़ियों से सजी हुई टीम जब ऑस्ट्रेलिया गई और एमएस धोनी की कप्तानी में त्रिकोणीय वनडे सीरीज जीतने में भाग लिया। तब, ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में ही हराने में सफलता प्राप्त की थी।

इसके बाद, सौरव गांगुली कभी भी भारतीय एकदिवसीय टीम में नहीं लौटे। और, जल्द ही सन्यास का भी ऐलान कर दिया था। उल्लेखनीय है कि, दिलीप वेंगसरकर की चयन समिति ने वीरेंद्र सहवाग को भी उनके खराब फॉर्म के चलते बाहर कर दिया था। लेकिन बाद में, वह घरेलू सर्किट में अपना फॉर्म वापस पाने में कामयाब हुए थे, जिसके बाद उन्हें टीम में वापस ले लिया गया था।

पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर बीसीसीआई के उस व्यवहार से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं जैसा कोहली के साथ किया गया है। वेंगसरकर का मानना ​​है कि, बोर्ड को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए था कि कोहली ने भारतीय टीम की सफलता में कितना योगदान दिया है।

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यह भी पढ़ें: कप्तानी विवाद के बाद पहली बार बोले सौरव गांगुली, ‘आजकल खूब लड़ते हैं विराट कोहली’

विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच संबंध उस समय से ठीक नहीं हैं। जब, कोहली ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया था कि, उन्हें बीसीसीआई द्वारा टी20 टीम के कप्तान बने रहने के लिए कभी नहीं कहा गया था। जैसा कि, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया था।

हालांकि, कोहली की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद गांगुली ने अपनी आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन, उन्होंने हाल ही में गुरुग्राम में एक कार्यक्रम में कहा था कि कोहली का रवैया भले ही सराहनीय है, लेकिन वह “बहुत लड़ते हैं”।

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