जब से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने साल 1877 में पहला टेस्ट मैच खेला है, तब से इस खेल में काफी विकास और नियम-परिवर्तन हुए हैं। सीमित ओवरों के क्रिकेट की शुरुआत एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों से हुई, पहले 60 ओवर और फिर 50 ओवर इसके बाद आया खेल का साबसे छोटा प्रारूप टी20 क्रिकेट।
पिछले कुछ वर्षों में कई महान बल्लेबाजों ने यह खेल खेला है। वर्तमान में, तीनों प्रारूपों में माहिर होना एक सराहनीय उपलब्धि है। जबकि चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ियों को टेस्ट विशेषज्ञ के रूप में पहचाना जाता है, केन विलियमसन और विराट कोहली जैसे कुछ खिलाड़ी किसी भी प्रारूप में शानदार बल्लेबाजी करने की क्षमता रखते हैं।
इस आर्टिकल में हम 5 महान बल्लेबाज के बारे में जानेंगे जिन्हें क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में प्रभावशाली प्रयासों के बावजूद आईसीसी द्वारा कभी भी 1 स्थान नहीं दिया गया है।
फाफ डु प्लेसिस
फाफ डु प्लेसिस क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। दक्षिण अफ्रीका के 35 वर्षीय पूर्व कप्तान ने 2011 में वनडे और 2012 में टेस्ट डेब्यू किया था। देर से डेब्यू करने के बावजूद, डु प्लेसिस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में अपनी योग्यता का साबित की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली पारी में 78 रन बनाए। दूसरी पारी में, उन्होंने क्रीज पर 7 घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी की 376 गेंदों पर 110* रन की शानदार पारी खेली। डु प्लेसिस ने ऐसी कई शानदार पारी खेली है लेकिन उन्हें आईसीसी द्वारा वनडे या टेस्ट क्रिकेट में कभी भी 1 स्थान नहीं दिया गया है।
हर्शल गिब्स
सूची में एक और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज शामिल है, हर्शल गिब्स सीमित ओवरों के प्रारूप में अपनी आक्रमक बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध थे। वह नीदरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैच में छह छक्के लगाने वाले पहले व्यक्ति थे। वह उन कुछ लोगों में से एक हैं जिन्होंने लगातार तीन वनडे शतक भी बनाए हैं। टेस्ट में, हालांकि, उनके करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही, 12 मैचों के बाद 54 उनका सर्वोच्च स्कोर था। अपने 13वें टेस्ट में, उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक (468 रन पर 211*) बनाया। इसके बाद जनवरी 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ 228 रन बनाए फिर उन्होंने जुलाई-अगस्त 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में दो शतक बनाए।
गिब्स अगली सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ शतक के चूंक गए, दूसरे टेस्ट में उन्होंने 98 रन बनाए। उन्होंने 2003-04 में वेस्ट इंडीज (142, 142, 192) के खिलाफ सभी मैचों में शतक भी बनाए। इतने शानदार फॉर्म के बावजूद, गिब्स उस सीजन में आईसीसी रैंकिंग के शिखर पर नहीं पहुंचे।
वीवीएस लक्ष्मण
भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण एक टेस्ट विशेषज्ञ थे, जो सीमित ओवरों के क्रिकेट की तुलना में खेल के सबसे लंबे प्रारूप में अधिक सफल थे। लक्ष्मण ने भारत के लिए कई आसान पारियां खेली हैं, और मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके द्वारा टार्गेट का चेज भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिमाग में अभी भी ताजा है। हालांकि साल 2001 में ईडन गार्डन्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका 281 रन उनकी सबसे प्रसिद्ध पारी है। लक्ष्मण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अत्यधिक सफल रहे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 49 की औसत से छह शतक और 12 अर्द्धशतक बनाए। इतनी शानदार पारियों के बावजूद वह कभी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग की शिखर पर नहीं पहुंच सके।
ब्रेंडन मैकुलम
पूर्व कीवी कप्तान दुनिया के सबसे पसंदीदा और मनोरंजक क्रिकेटरों में से एक थे। वह एक तेजतर्रार सलामी बल्लेबाज थे, और उनके पास जितनी ताकत थी, वह किसी भी सीमा को आसानी से पार कर सकते थे। पहली बार आईपीएल के मैच में उन्होंने केकेआर के लिए खेलते हुए 158* रन बनाए, एक ऐसी पारी जो विपक्षी टीम को तहस-नहस कर दिया। मैकुलम का टेस्ट क्रिकेट में इतना प्रभाव कभी नहीं पड़ा जितना उन्होंने खेल के छोटे प्रारूप में छोड़ा था। उन्होंने 100 से अधिक टेस्ट मैच (176 पारियां) खेला है।
मैकुलम साल 2014 में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर आने के काफी करीब थे। दिसंबर 2013 में उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक बनाया, और उन्होंने ईडन पार्क (307 में से 224 रन) में दोहरे शतक के साथ भारत के खिलाफ श्रृंखला की शुरुआत की। अगले मैच में वह एक पायदान ऊपर चला गया और वेलिंगटन में एक तिहरा शतक बनाया इन सब पारीयों के बाद वह आईसीसी रैंकिंग के शीर्ष 10 में पहुंच सकता था और नंबर 1 स्थान पर पहुंच सकता था। हालांकि, इसके बाद उनका वेस्टइंडीज का दौरा काफी खराब था जिसके बाद वह कभी भी आईसीसी रैंकिंग के शीर्ष पर नहीं पहुंच सके।
क्रिस गेल
क्रिस्टोफर हेनरी गेल और ब्रेंडन मैकुलम एक ही तरह बल्लेबाज रहे हैं। वेस्टइंडीज का यह सलामी बल्लेबाज मनोरंजन करने वाला शनादार खिलाड़ी है। एबी डिविलियर्स, ब्रेंडन मैकुलम और आंद्रे रसेल के साथ गेल उन बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्हें आप टी20 मैच में गेंदबाजी नहीं करना चाहेंगे। टेस्ट क्रिकेट में साल 2010 में गेल ने श्रीलंका के खिलाफ 76 के स्ट्राइक रेट से 333 रन की पारी खेली थी जो उनके करियर का उच्च स्कोर है। गेल कभी भी आईसीसी रैंकिंग के शीर्ष 5 में नहीं थे। उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ 10 रैंकिंग नवंबर 2010 में उनके तिहरे शतक के बाद आई थी इससे पहले उन्होंने दिसंबर 2009 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे में दो शतक बनाए थे। गेल ने 182 टेस्ट पारियों में 7000 से अधिक रन बनाए, जिसमें 15 शतक, तीन दोहरे शतक और दो तिहरे शतक शामिल है।