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3 खिलाड़ी जिन्होंने एम एस धोनी की कप्तानी में किया निराश

एमएस धोनी भारत के अब तक के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। पूर्व भारतीय कप्तान तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 2007 में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप में पहली बार कप्तानी करते हुए भारत को खिताब जितवा दिया था। उन्होंने इसके बाद 2011 का वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी भी अपनी कप्तानी में भारत को जितवाई।

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‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर 40 वर्षीय धोनी ने अपने करिश्माई व्यक्तित्व से टीम को लीड किया। धोनी ने अपने अधिकांश खिलाड़ियों को सपोर्ट किया, जिससे उन्हें अपने पूरे करियर में सुपरस्टार बनने में मदद मिली। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के कप्तान आईपीएल में भी ऐसा ही करते रहते हैं।

जहां धोनी की कप्तानी में कई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं कुछ ऐसे भी थे जो अपनी क्षमता के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। तो आज हम आपको उन तीन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने एमएस धोनी की कप्तानी में निराश किया।

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1. इरफान पठान

बड़ौदा के ऑलराउंडर ने 2003 में जब अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था, तब उन्हें खेल के सबसे उज्ज्वल आगामी ऑलराउंडरों में से एक माना जाता था। हालांकि, इरफान पठान (Irfan Pathan) और उनके करियर के लिए प्लानिंग के अनुसार चीजें बिल्कुल नहीं हुईं। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में खेलते हुए उन्होंने 31 वनडे मैचों में 61 विकेट लिए थे। हालांकि, इरफान ने एमएस धोनी की कप्तानी में 45 मैचों में खराब इकॉनमी रेट और औसत के साथ सिर्फ 54 विकेट ही लेने में सफल हो सके।

यहां तक ​​कि बल्ले से भी पठान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। धोनी के कप्तान बनने से पहले उन्होंने 29 पारियों में 601 रन बनाये थे। वहीं धोनी की कप्तानी में उन्होंने 2007 और 2012 के बीच 31 पारियों में सिर्फ 487 रन बनाए। इसमें कोई शक नहीं है कि इरफान पठान भारत के सबसे प्रतिभाशाली ऑलराउंडरों में से एक थे लेकिन वह महान भारतीय कप्तान के अंडर में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।

2. रॉबिन उथप्पा

रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) हमेशा एक ऐसे बल्लेबाज रहे हैं जो शानदार स्ट्रोक खेलने के लिए जानें जाते हैं। कर्नाटक के बल्लेबाज ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू मैच में 86 रन की शानदार पारी खेली। उथप्पा ने मौजूदा भारतीय कोच की कप्तानी में 13 पारियों में 409 रन बनाए।

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चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा ने धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम के लिए 21 पारियों में केवल 377 रन ही बना सके। उनके इसी प्रदर्शन की वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया गया था। उथप्पा ने एक दो मौकों पर भारतीय टीम में वापसी की, लेकिन रन बनाने में सफलता हासिल नहीं कर पाए।

3. उमेश यादव

उमेश यादव (Umesh Yadav) ने देश के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई। वहीं जब वो अपने करियर में चरम पर पहुंच रह थे तभी उनकी इन्कन्सीस्टेंसी और चोटों ने उनके करियर में बाधा डाली। एमएस धोनी की कप्तानी में विदर्भ के तेज गेंदबाज ने 45 वनडे मैचों में 35 के स्ट्राइक रेट से 62 विकेट लिए।

उमेश ने विराट कोहली की कप्तानी में सीमित ओवरों के प्रारूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। कोहली के अंडर में उन्होंने 20 मैचों में 29 की स्ट्राइक रेट के साथ 33 विकेट लिए। टेस्ट प्रारूप में भी 34 वर्षीय इस तेज गेंदबाज ने पिछले कुछ समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके दिखाया है।

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