CricketFeature

4 भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने उसी साल डेब्यू किया जिस साल विराट कोहली ने किया था,लेकिन अब हो गए है गायब

इस बात में कोई शक नहीं है कि विराट कोहली सभी प्रारूपों में दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं। इस बात का अंदाजा उनके आकंड़ो को देखकर लगा सकते हैं। वह अपने शुरुआती दिनों से ही एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे हैं और उन्हें जो सफलता मिली है, उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। कोहली ने 2008 में 20 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और उसके बाद से लगातार भारत के लिए नियमित रूप से खेलते हुए आ रहे है।

Advertisement

वहीं जिस साल कोहली ने डेब्यू किया था उस साल कुछ अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने भी अपना डेब्यू किया था लेकिन टीम में अच्छा प्रदर्शन करने में पूरी तरह से पहले रहे है। तो आज हम आपको उन चार भारतीय क्रिकेटरों के बारे में आपको बताने जा रहे है जिन्होंने उसी साल डेब्यू किया जिस साल विराट कोहली ने किया था लेकिन अब कहीं नहीं दिख रहे हैं।

1. मनप्रीत गोनी

इस लिस्ट में टॉप पर मनप्रीत गोनी (Manpreet Gony) शामिल है। मनप्रीत गोनी ने 2008 में आईपीएल, रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद हांगकांग के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया। दाएं हाथ का तेज गेंदबाज भारतीय टीम के लिए एक शानदार खिलाड़ी की तरह दिख रहा था क्योंकि वह लगातार विकेट लेने के साथ-साथ बल्ले से तेज रन बना सकते थे।

Advertisement

हालाँकि, गोनी ने भारत के लिए केवल दो वनडे मैच ही खेले और दो ही विकेट लिए, और जल्द ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। वह आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन करने में फेल हो गए और डोमेस्टिक क्रिकेट में उनकी वापसी भी औसत दर्जे की थी, जिसके परिणामस्वरूप उनके छोटे इंटरनेशनल करियर का अंत हो गया। गोनी अब विदेशी टी20 लीग जैसे ग्लोबल टी20 कनाडा और लंका प्रीमियर लीग में खेलते है। इस समय वह रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में खेल रहे है।

2. प्रज्ञान ओझा

प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) भारत के लिए खेलने के लिए सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के स्पिनरों में से एक थे। लिस्ट-ए क्रिकेट में कई अच्छे प्रदर्शनों के बाद, ओझा ने 2008 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया। वह सीमित ओवरों के सर्किट में उतना प्रभावी नहीं थे लेकिन टेस्ट में उन्होंने अपनी क्षमता दिखाई। उन्होंने भारत के लिए 24 टेस्ट खेले और 30.27 के औसत की मदद से 24 मैचों में 113 विकेट लिए।

हालांकि, चोटों के कारण वह भारतीय टीम में नियमित तौर पर नहीं खेल पाए थे और 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला जहां उन्होंने दस विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच भी थे। वर्त्तमान में वो रोड सेफ्टी सीरीज खेल रहे है।

Advertisement

3. सुब्रमण्यम बद्रीनाथ

इस लिस्ट में सुब्रमण्यम बद्रीनाथ (Subramaniam Badrinath) भी अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। तमिलनाडु के एक अनुभवी, बद्रीनाथ तकनीकी रूप से स्किलफुल बल्लेबाज थे, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी के साथ-साथ भारत ए के लिए जमकर रन बनाये। डोमेस्टिक सर्किट में आठ साल के शानदार प्रदर्शन के बाद, उन्होंने आखिरकार भारत के लिए उसी सीरीज में अपना डेब्यू किया जिसमें विराट कोहली ने 2008 में किया था।

हालाँकि, उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और भारत के लिए सभी प्रारूपों में उन्होंने दस मैच खेले और 185 रन बनाए। बद्रीनाथ ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन भारतीय चयनकर्ताओं ने उनकी अनदेखी की। वो अब एक कमेंटेटर और विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं।इसके अलावा वह रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में खेल रहे है।

4. यूसुफ पठान

सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक, यूसुफ पठान (Yusuf Pathan) जो टी20 वर्ल्ड कप 2007 जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वो इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में खेले थे। उन्होंने 8 गेंद में एक चौके और एक छक्के की मदद से 15 रन बनाये थे। पठान ने उस समय सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने 2008 में राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल ट्रॉफी जीतने में मदद की।

Advertisement

उन्होंने 16 मैच में 179.01 के शानदार स्ट्राइक रेट की मदद से 435 रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए खेले 57 वनडे मैच खेले और 27 की औसत से 810 रन बनाये। इसके अलावा उन्होंने 22 टी20 इंटरनेशनल मैच भी खेले और 146.58 के स्ट्राइक रेट से 236 रन बनाये। पठान 2012 और 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स आईपीएल जीत के प्रमुख सदस्य भी थे।

Related Articles

Back to top button