इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली ने खुलासा किया है कि भारत में बल्लेबाजी करना इतना मुश्किल है कि जब उन्होंने 10 रन रन बनाए, तो इसे उन्होंने एक अच्छे स्कोर की तरह महसूस किया था।
उल्लेखनीय है कि, जैक क्रॉली भारत दौरे पर खेले गए पहले दो टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं थे। लेकिन, अहमदाबाद में हुए डे-नाइट टेस्ट मैच के लिए उन्हें टीम में वापस लाया गया था। हालांकि, उन्होंने अपनी पहली पारी में अर्धशतक बनाया था। लेकिन, सीरीज की अन्य तीन पारियों में वह कुछ नहीं कर सके थे।
भारत के साथ खेली गई सीरीज के बाद जैक क्रॉली ने कई मैच खेले हैं। यहां तक कि वह ऑस्ट्रेलिया में चल रही बहु प्रतिष्ठित एशेज सीरीज का भी हिस्सा हैं। गौरतलब है कि, क्रॉली को इंग्लैंड क्रिकेट का बड़ा प्लेयर माना जाने लगा था क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ दोहरा शतक जड़ते हुए शानदार 267 रन बनाए थे।
जैक क्रॉली को लगता है कि वह परिस्थितियों के कारण स्कोर नहीं कर पाए हैं
जैक क्रॉली ने डेली मेल से बातचीत में कहा है कि, हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में उनकी मामूली वापसी सिर्फ इस कारण है कि, उन्हें उन परिस्थितियों में बहुत अधिक क्रिकेट खेलना पड़ा है, जिनके लिए वह अभ्यस्त नहीं हैं। भारत दौरे के बारे में बात करते हुए क्रॉली ने कहा है कि, उन्हें भारत में जिस तरह की सतह पर खेलना पड़ा था। उस तरह की गेंद के साथ खेलने का अनुभव कभी नहीं था, और वर्तमान में भी वह ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसी ही परिस्थितियों में खेल रहे हैं। जिनके बारे में उन्हें अधिक जानकारी नहीं है।
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हालांकि, जैक क्रॉली अभी भी एशेज सीरीज के टेस्ट मैच में इंग्लैंड के लिए शतक बनाने के लिए खुद का समर्थन कर रहे हैं। दाएं हाथ के युवा बल्लेबाज ने यह भी स्वीकार किया है कि, कंगारुओं की गेंदबाजी तिकड़ी के कारण ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाजी एक चुनौती रही है। और, वे सभी हमेशा सटीक गेंदबाजी करते रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि, कप्तान जो रूट और डेविड मलान ही इंग्लैंड के ऐसे दो बल्लेबाज रहे हैं। जिन्होंने, मौजूदा एशेज सीरीज में इंग्लैंड की ओर से संघर्ष करने का प्रयास किया है। जो रूट ने अब तक खेले गए तीनों टेस्ट मैचों में अर्धशतक बनाया है। जबकी, डेविड मलान ने भी अपने नाम पर कुछ पचास से अधिक स्कोर बनाए हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा, इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज 50 रन तक नहीं पहुंच पाया है।