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इस युग के 6 लोकप्रिय भारतीय क्रिकेटर जो एक से ज्यादा रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेले

रणजी ट्रॉफी भारत का प्रमुख रेड-बॉल टूर्नामेंट है जबकि खिलाड़ी आमतौर पर अपने मूल राज्यों को रिप्रेजेंट करते हैं। वहीं कई बार उनमें से कुछ खिलाड़ी अलग टीम में जाने के लिए एनओसी भी ले लेते हैं। मौजूदा बोर्ड के साथ अनबन, अवसरों की कमी या एक नई चुनौती की इच्छा जैसे कई कारण हो सकते हैं।

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कुछ मशहूर क्रिकेटर भी इस प्रक्रिया से गुजरे हैं। तो आज हम आपको इस युग के उन 6 लोकप्रिय भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है जो अपने करियर में एक से ज्यादा रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेले है।

1) एमएस धोनी (बिहार और झारखंड)

एमएस धोनी (MS Dhoni) इस युग के लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने एक से ज्यादा रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेले है जैसा कि उनकी बायोपिक में देखा जा सकता है, एमएसडी ने अपने करियर की शुरुआत बिहार से की थी। वहीं जब 2000 में झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन का गठन किया गया था और टीम ने 2004 में फर्स्ट क्लास की शुरुआत की, तब से धोनी अपने मूल राज्य के लिए खेले।

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धोनी के फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए तो उन्होंने 131 मैच खेले है और 36.84 के औसत की मदद से 7038 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से 9 शतक और 47 अर्धशतक देखने को मिले है।

2) जहीर खान (बड़ौदा और मुंबई)

भारत के दिग्गज बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान (Zaheer Khan) भी एक से ज्यादा रणजी टीम के लिए खेले। उन्होंने बड़ौदा के साथ अपना करियर शुरू किया, जिसके लिए वो 2006 तक खेले। हालांकि, बाद में वे मुंबई में शामिल हो गए और 2014 तक सबसे सफल रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेले।

जहीर के फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए तो उन्होंने 169 मैच खेले है और 27.97 के औसत की मदद से 672 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाने पायी है।

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3) रॉबिन उथप्पा (कर्नाटक, सौराष्ट्र और केरल)

2017 सीजन के लिए, रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने कर्नाटक से सौराष्ट्र में बदलाव किया। यह मुख्य रूप से प्लेइंग इलेवन में लगातार रन की तलाश में थे । वह वहां दो साल रहे और 2019 से वह अब केरल को रिप्रेजेंट कर रहे हैं। इसलिए, कर्नाटक के पूर्व कप्तान ने अपने घरेलू करियर में अब तक तीन टीमों के लिए खेला है।

दाएं हाथ के बल्लेबाज के फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए तो उन्होंने 142 मैच खेले है और 40.71 के औसत की मदद से 9446 रन अपने नाम किये है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 22 शतक और अर्धशतक दर्ज है।

4) इरफान पठान (बड़ौदा और जम्मू और कश्मीर)

इरफान पठान (Irfan Pathan) भी इस युग के लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं जो एक से ज्यादा रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेल चुके हैं। 2000 से 2017 तक पठान बड़ौदा का हिस्सा थे। उन्होंने टीम के साथ रहते हुए भारत के लिए अपना डेब्यू किया था।

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हालांकि, जैसे-जैसे उनका करियर अपने अंतिम चरण में पहुंचा, इरफान एक खिलाड़ी और मेंटर के रूप में जम्मू-कश्मीर चले गए। हालांकि वह लंबे समय तक नहीं खेले, लेकिन उन्होंने अपनी भागीदारी से राज्य में खेल को विकसित करने में मदद की।

5) अंबाती रायुडू (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, बड़ौदा और विदर्भ)

अंबाती रायुडू (Ambati Rayudu) एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कई बोर्ड में अवसरों को आजमाया है। उनकी टीमों के लगातार बदलाव का एक मुख्य कारण यह है कि उन्हें बोर्डों के साथ समस्याएँ थी।

वहीं 2010 और 2015 के बीच बड़ौदा के साथ एक स्टेबल फेज था। खिलाड़ी तेलुगु राज्यों यानी हैदराबाद और आंध्र प्रदेश में स्थित दोनों टीमों का हिस्सा रहा है। हनुमा विहारी समेत कई खिलाड़ी भी इन दोनों टीमों के बीच शिफ्ट हो गए हैं।

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6) वसीम जाफर (मुंबई और विदर्भ)

वसीम जाफर (Wasim Jaffer) रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। वो अपने करियर के अंतिम कुछ सालों में विदर्भ के लिए खेले। उन्होंने अपने शानदार बल्लेबाजी प्रदर्शन से नागपुर की टीम को खिताब जीतने में मदद की।

जफर के फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए तो उन्होंने 260 मैच खेले है और 50.67 के औसत की मदद से 19410 रन अपने नाम किये है। वहीं इनमें से 12038 रन मुंबई की तरफ से खेलते हुए आये है।

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