किसी भी क्रिकेटर के लिए कप्तानी एक चुनौती के रूप में आती है। अभी तक भारतीय टीम के लिए 27 खिलाड़ियों ने कप्तानी की है जिसमें चार खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जो पुर्ण रूप से एक गेंदबाज हैं।
भारती की नियमित कप्तान रोहित शर्मा इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पुनर्निर्धारित टेस्ट से पहले कोरोना के चपेट में आ गए जिसके बाद भारतीय टीम ने टेस्ट प्रारूप में जसप्रीत बुमराह को कप्तान नियुक्त किया है। इस आर्टिकल में हम बुमराह के अलावा ऐसे तीन गेंदबाजों के बारे में पढ़ेंगे जिन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की है।
अनिल कुंबले
भारतीय टीम के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने बतौर खिलाड़ी और बतौर एक कप्तान टीम को एक अलग उचाइंयों पर ले गए थे। कुंबले ने भारत के लिए कुल 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट हासिल किया था। जो किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक है। इसके अलावा उन्होंने 271 वनडे मैचों में भी टीम के लिए अपना योगदान दिया है जिसमें उन्होंने 337 विकेट आउट किए। कुंबले के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक शतक भी शामिल है। अगर कुंबले की कप्तानी रिकॉर्ड को देखें तो उन्होंने भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में साल 2007 से लेकर 2008 तक कप्तानी की है। इस दौरान उन्होंने 14 मैचों में कप्तनी की जिसमें उन्हें तीन में जीत मिली और पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
श्रीनिवास वेंकटराघवन
श्रीनिवास वेंकटराघवन ने साल 1965 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। उनके करियर की शुरुआत काफी शानदार रही थी, उन्होंने अपने पहले तीन मैचों में 21 विकेट लेकर सभी को काफी प्रभावित किया था। दिल्ली के कोटला मैदान (अब अरुण जेटली स्टेडियम) पर उन्होंने 72 रन देकर आठ बल्लेबाजों को आउट किया था। जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। बाद में उन्हें भारतीय टीम के कप्तान के रूप में भी चुना गया।
उन्होने कप्तान के रूप में पांच मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें एक भी जीत नहीं मिली जबकी दो मैचों में हार का सामना करना पाड़ा था। उन्होंने साल 1975 और 1979 के विश्व कप में भी भारतीय टीम की कमान संभाली थी।
बिशन सिंह बेदी
बिशन सिंह बेदी ने भारत के लिए साल 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला जहां उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कमान संभाली। उन्होंने साल 1969-70 के सीजन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 98 रन देकर सात विकेट अपने नाम किए थे।
बेदी साल 1976 में भारतीय कप्तान के रूप में नियुक्त किए गए थे। बतौर कप्तान उन्होंने पहली बार वेस्टइंडीज की टीम को मात दिया था। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें 6 मैचों में जीत मिली जबकि 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।