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चेन्नई सुपरकिंग्स द्वारा रिलीज किए गए वो लोकप्रिय खिलाड़ी जो अन्य फ्रेंचाइजी के कप्तान बन गए

खिलाड़ियों को रिलीज और रिटेन करना किसी भी फ्रेंचाइजी के टीम मैनेजमेंट के लिए सबसे बड़ा विषय होता है। इसलिए कई बार मैनेजमेंट से प्लेयर्स को रिलीज या रिटेन करने में गलतियाँ हो जातीं हैं।

आईपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स एकमात्र ऐसी फ्रेंचाइजी है जिसने एक नियमित कप्तान के रूप में ही अब तक आईपीएल में भाग लिया है। यानि कि, आईपीएल-2008 से लेकर आईपीएल-2021 तक चेन्नई सुपरकिंग्स महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही खेलती रही है।

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आईपीएल नीलामी से पहले जब खिलाड़ियों को रिलीज और रिटेन करने की बात आती है, तब सीएसके को सबसे चतुर फ्रेंचाइजी माना जाता है। भारतीय टीम के ऐसे कई प्लेयर हैं जिन्होंने पहले चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेला और फिर उनका चयन भारतीय टीम में हुआ। चूंकि, खिलाड़ियों को रिलीज और रिटेन करना किसी भी फ्रेंचाइजी के टीम मैनेजमेंट के लिए सबसे बड़ा विषय होता है। इसलिए कई बार मैनेजमेंट से प्लेयर्स को रिलीज या रिटेन करने में गलतियाँ हो जातीं हैं।

आज के इस लेख में, हम चेन्नई सुपरकिंग्स द्वारा रिलीज किए गए उन लोकप्रिय खिलाड़ियों की सूची पर एक नज़र डालेंगे जिन्होंने बाद में इंडियन प्रीमियर लीग में किसी अन्य फ्रेंचाइजी की की कप्तानी की।

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1.) पार्थिव पटेल:

पार्थिव पटेल सीएसके द्वारा रिलीज किए गए उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने बाद में आईपीएल में किसी अन्य टीम का नेतृत्व किया है। प्रतियोगिता के पहले तीन सीज़न में, पार्थिव सीएसके का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने 26 पारियों में 21.50 की औसत से 516 रन बनाए। हालांकि, आईपीएल-2010 की समाप्ति के बाद, सीएसके ने इस विकेटकीपर बल्लेबाज को रिलीज कर दिया था।

चेन्नई सुपरकिंग्स से रिलीज किए जाने के बाद आईपीएल-2011 में पार्थिव कोच्चि टस्कर्स केरला का हिस्सा थे। वास्तव में, कोच्चि टस्कर्स मात्र एक सीजन के लिए ही आईपीएल में शामिल हुई थी। साल 2011 में आयी इस फ्रेंचाइजी की कप्तानी श्रीलंका के दिग्गज क्रिकेटर महेला जयवर्धने के हाथों में थी। लेकिन, जयवर्धने के चोटिल होने के बाद पार्थिव पटेल ने एक मैच में इस फ्रेंचाइजी की कप्तानी की थी। जिसमें कोच्चि टस्कर्स को हार का सामना करना पड़ा था।

2.) जॉर्ज बेली:

जॉर्ज बेली क्रिकेट इतिहास के उन खिलाड़ियों में से एक हैं। जिन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही कप्तानी की थी। वास्तव में, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जॉर्ज बेली घरेलू क्रिकेट के दौर से ही अपनी कप्तानी कौशल के लिए जाने जाते थे। इसलिए, जब उन्होंने डेब्यू किया तभी उन्हें टीम की कमान सौंप दी गई। जब, आईपीएल की बात आती है तो बेली ने अपने करियर की शुरुआत सीएसके से की थी। लेकिन, आईपीएल-2010 की नीलामी से पहले फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया था।

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हालांकि, इसके बाद जॉर्ज बेली को आईपीएल में वापसी के लिए कुछ और साल का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद जब वह आईपीएल-2014 में पंजाब किंग्स में शामिल हुए तब फ्रेंचाइजी ने टीम की कमान उन्हें सौंप दी। चूंकि, बेली को कप्तानी का अच्छा अनुभव था। इसलिए, उस सीजन वह फ्रेंचाइजी को फाइनल तक ले जाने में सफल रहे। इसके बाद वह आईपीएल-2015 में पंजाब किंग्स के कप्तान थे।

3.) मुरली विजय:

मुरली विजय लंबे समय तक चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा थे। इतना ही नही, वह शुरुआती सीजन में चेन्नई की बल्लेबाजी लाइनअप की सबसे मजबूत कड़ी भी थे। तेजतर्रार सलामी बल्लेबाज, विजय आईपीएल 2009 से 2013 तक सीएसके के लिए खेले। इसके बाद वह दिल्ली का हिस्सा रहे और फिर  आईपीएल-2015 से 2017 तक पंजाब किंग्स के लिए खेलते रहे।

चूंकि, मुरली विजय एक अनुभवी क्रिकेटर थे। इसलिए आईपीएल के 9वें सीजन में पंजाब किंग्स ने अपनी कप्तानी का भार उनके कंधों में रखने का फैसला किया। हालांकि, वह कप्तानी के लिए बिल्कुल तैयार नही थे। इसलिए, वह 8 मैचों में से मात्र 3 मैचों में पंजाब किंग्स को जीत दिला सके।

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4.) आर अश्विन:

रविचंद्रन अश्विन सीएसके द्वारा रिलीज किए गए एक और लोकप्रिय खिलाड़ी हैं जिन्होंने बाद में इंडियन प्रीमियर लीग में एक अलग टीम की कप्तानी की। चेन्नई के ऑफ स्पिनर फ्रैंचाइज़ी के बेहतरीन सदस्यों में से एक थे। अश्विन ने सीएसके में रहते हुए बेहतरीन गेंदबाजी की जिसके बल पर उन्हें टीम इंडिया में शामिल होने का मौका भी मिला। वास्तव में, उस दौरान वह देश के सबसे बेहतरीन ऑफ स्पिनर थे।

हालांकि, जब चेन्नई सुपरकिंग्स को दो वर्षों का प्रतिबंध लगया गया तब अश्विन ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद, आईपीएल-2018 में, सीएसके ने उन्हें फिर से साइन करने की कोशिश की। लेकिन, नीलामी राशि अधिक होने के कारण वह पंजाब किंग्स द्वारा साइन कर लिए गए।

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अश्विन के प्रदर्शन और अनुभव को देखते हुए फ्रेंचाइजी ने उन्हे आईपीएल-2018 में टीम का कप्तान नियुक्त कर दिया। इसके बाद वह आईपीएल-2019 में पंजाब किंग्स की कप्तानी करते रहे। चूंकि, अश्विन कप्तान के रूप में 28 मैचों में महज 12 मैचों में ही टीम को जीत दिला पाए थे। और उनका प्रदर्शन भी खास नही था। इसलिए पंजाब किंग्स ने उन्हें आईपीएल-2020 से पहले रिलीज कर दिया था। उसके बाद से वह दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा हैं।

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