ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और सनराइजर्स हैदराबाद के सहायक कोच ब्रैड हैडिन ने ये खुलासा कर सबको चौंका दिया है कि डेविड वार्नर को सनराइजर्स हैदराबाद की कप्तानी से हटाने का फैसला या उनको प्लेइंग इलेवन से ड्राप करने का फैसला फ्रैंचाइज के कोचिंग स्टाफ का नहीं था और वार्नर को क्रिकेट के अलावा किसी और वजह से टीम से बाहर किया गया था.
अब तक ये माना जा रहा था कि डेविड वार्नर को सनराइजर्स हैदराबाद की कप्तानी से हटाने का निर्णय हैदराबाद के कोचिंग स्टाफ ने ही लिया था और उन्हें कप्तानी से हटाने और प्लेइंग इलेवन से ड्राप करने का एक मात्र कारण उनका फॉर्म में नहीं होना था.
पर हैडिन के मुताबिक़, वार्नर के साथ फॉर्म का मसला नहीं था. उनके साथ मैच प्रैक्टिस का मसला था. और जैसा कि हाल ही में टी 20 वर्ल्ड कप में देखने को मिला, जैसे ही उन्होंने कुछ मैचों में क्रीज़ पर समय बिताया, वो वापस लय में आ गए और टूर्नामेंट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज साबित हुए.
सनराइजर्स हैदराबाद के फैंस जरूर जानना चाहेंगे डेविड वार्नर को ड्राप करने का कारण
हैडिन के इस खुलासे के बाद सनराइजर्स हैदराबाद के फैंस ज़रूर ये जानना चाहेंगे कि अगर क्रिकेट की वजह से डेविड वार्नर को बाहर नहीं बिठाया गया था, तो आखिर वो क्या बात थी, जिसकी वजह से वार्नर जैसे बड़े खिलाड़ी और कप्तान को बाहर बिठाना पड़ा.
कुछ हफ्ते पहले एक भारतीय पत्रकार बोरिया मजूमदार के साथ किये गए इंटरव्यू में डेविड वार्नर ने खुद भी ये कहा था कि वो समझ नहीं पाए फ्रैंचाइज ने उनको बाहर बिठाने का फैसला किस आधार पर किया.
अगर फैसले का आधार उनका फॉर्म में नहीं होना था, तो एक खिलाड़ी इस बात की उम्मीद जरूर करता है कि एक ऐसी टीम जिसके लिए उसने पिछले कुछ सालों में रनों का अम्बार लगाया है, वो टीम उसे फॉर्म में वापस आने के लिए कुछ समय जरूर देगी, पर ऐसा हुआ नहीं. अब हैडिन के इस बयान ने मामले को और पेंचीदा बना दिया है.