भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी टी20 विश्वकप से ठीक पहले जब टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था तब सभी हैरान रह गए थे। हालांकि, फिर, ऐसा कहा गया कि उन्होंने बोर्ड के दवाब में आकर ऐसा किया होगा। हालाँकि, वास्तविक घटना इसके विपरीत थी। इसके बाद, जब उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से बर्खास्त किया गया तब भी सभी लोग हैरान रह गए थे।
इन तमाम घटनाओं और विराट कोहली तथा बीसीसीआई के बीच मची खींचतान के बाद भी ऐसा माना जा रहा था कि विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने रहेंगे। हालांकि, गत सप्ताह उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ते हुए एक बार फिर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। यह देखते हुए कि बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड सबसे बेहतर है। किसी का भी यह सोच पाना कि वह टेस्ट टीम की कमान भी छोड़ देंगे, बेहद मुश्किल था। हालांकि, अब वह टीम इंडिया के पूर्व कप्तान हो गए हैं।
विराट कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की है। जिसमें, उनके नेतृत्व में भारत को 40 मैचों में जीत हासिल हुई थी। यह किसी भी भारतीय टेस्ट कप्तान का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। सूची में अगले स्थान पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं, जिन्होंने 60 टेस्ट मैचों में से 27 मैच जीते हैं।
कोहली और धोनी के रिकॉर्ड्स पर बात करते हुए आज हम इस लेख में, टीम इंडिया के लिए महेंद्र सिंह द धोनी और विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी कार्यकाल के बीच के तीन संयोगों पर एक नज़र डालते हैं।
1.) 33 साल की उम्र में कप्तान के रूप में आखिरी टेस्ट मैच:
यह महज संयोग ही है कि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली दोनों ने ही 33 साल की उम्र में कप्तान के रूप में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। उल्लेखनीय है कि, धोनी ने बतौर कप्तान अपना अंतिम टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेला था जबकि विराट ने आखिरी टेस्ट दक्षिण अफ्रीका में खेला है। यानी दोनों ही महान प्लेयर्स का आखिरी टेस्ट मैच विदेशी धरती पर था।
हालांकि, टेस्ट मैच की कप्तानी छोड़ने के ऐलान के साथ ही एमएस धोनी ने संन्यास की घोषणा भी कर दी थी। लेकिन, विराट कोहली अब भी टेस्ट खेलना जारी रखेंगे। हालांकि, धोनी के बाद, भारत के पास, उनकी जगह लेने के लिए विराट कोहली के रूप में एक सक्षम प्लेयर था। लेकिन, इस बार स्थिति थोड़ी अलग है।
2.) भारतीय टेस्ट टीम के शीर्ष पर 7 साल:
लीजेंड महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली दोनों ने ही करीब सात साल के लंबे करियर में टेस्ट क्रिकेट करियर में सभी आयाम हासिल कर लिए थे। राहुल द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने के बाद , पांच दिवसीय प्रारूप की कमान अनिल कुंबले को दी गई थी। महान लेग स्पिनर के सेवानिवृत्त होने के बाद, एमएस धोनी ने यह पदभार संभाला था।
महेंद्र सिंह धोनी के रिटायर होने के बाद विराट कोहली भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान बने थे। जबकि एमएस धोनी ने भारत को एक मजबूत स्पिन आक्रमण बनाने में मदद की, जो अब भी फल-फूल रहा है। इसके उलट कोहली ने एक ठोस तेज गेंदबाजी आक्रमण तैयार किया है। जो लगातार मैच जीतने में सक्षम है।
3.) सेना देशों (SENA Nations) में 14 हार और 1 सीरीज जीत
संयोग से, विराट और महेंद्र सिंह धोनी दोनों ने ही सेना देशों में एक समान रिकॉर्ड का आनंद लिया है। सेना देशों में दक्षिण अफ्रीका (South Africa), इंग्लैंड (England), न्यूजीलैंड (New Zealand) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) देश आते हैं। इन दोनों ही प्लेयर्स को सेना देशों में चौदह हार और 1 सीरीज में जीत हासिल हुई थी। हालांकि, विराट की टीम ने उनकी गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती और वर्तमान में इंग्लैंड के साथ हुई सीरीज में भी बढ़त पर है।
इसके ठीक विपरीत महेंद्र सिंह धोनी को SENA देशों में संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन, विराट कोहली की टीम फलती-फूलती रही। हालांकि, विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट करियर की आपस में तुलना नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि, ये दोनों ही प्लेयर अपने आप में बेहद खास हैं। किन्तु, फिर भी इनके क्रिकेट करियर के तीन संयोग बताते हैं कि ये दोनों ही महान खिलाड़ी हैं।