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इन बड़े कारणों से रविन्द्र जडेजा को टेस्ट में ऊपरी क्रम में करना चाहिए बल्लेबाजी

रविन्द्र जडेजा जिस फॉर्म में है वह टॉप ऑर्डर में टीम इंडिया को मजबूती प्रदान कर सकते हैं

भारतीय टीम न्यूजीलैंड के विरुद्ध पहले टेस्ट में पूरी तैयारी के साथ उतरेगी। रोहित शर्मा और विराट कोहली की अनुपस्थिति में खेली जाने वाली इस सीरीज में सभी का ध्यान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी के अलावा बैटिंग आर्डर पर भी होगा।

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चूंकि, चोट के चलते केएल राहुल भी टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा, बीते कुछ समय से ऋषभ पंत मिडिल आर्डर में टीम इंडिया की पहली पसंद बने हुए थे। लेकिन, इस सीरीज में उन्हें भी आराम दिया गया है। इसलिए अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि, टीम मैनेजमेंट ओपनिंग और मिडिल आर्डर से लेकर निचले क्रम तक किस प्रकार की रणनीति के साथ इस सीरीज में उतरता है।

वास्तव में, न्यूजीलैंड के खिलाफ यह पूरी सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के नज़रिए से बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस बात की चर्चा चल रही है कि क्या फॉर्म में चल रहे अनुभवी ऑल राउंडर रविन्द्र जडेजा अपने सामान्य नंबर 6/7 की स्थिति से थोड़ा ऊपर बल्लेबाजी कर सकते हैं।

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आज के इस लेख में, हम कारणों पर चर्चा करते हैं कि क्यों रविन्द्र जडेजा को टेस्ट में थोड़ा ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करनी चाहिए।

1.) रविन्द्र जडेजा बीते कुछ समय से हैं जबरदस्त फॉर्म में:

साल 2016 से रविन्द्र जडेजा 37.50 से अधिक की औसत से बल्लेबाजी कर रहे हैं। वास्तव में, इस अवधि में, 37.50 उनका सबसे कम औसत है। जबकि, साल 2019 में उनका बल्लेबाजी औसत 62.86 तक पहुंच गया था। उस वर्ष में उन्होंने 440 रन बनाए थे जो किसी भी ऑलराउंडर का सर्वोच्च वार्षिक रिकॉर्ड था। जड्डू ज्यादातर नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हैं इसलिए, इस स्थिति में उनका बल्लेबाजी औसत बेहद शानदार है।

इसके अलावा, साल 2018 के बाद से, जडेजा का टेस्ट में औसत पुजारा और रहाणे की तुलना में अधिक है। बेशक, बनाए गए रन कम हो सकते हैं, लेकिन सौराष्ट्र का यह खिलाड़ी ऐसी परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने आता है जब पुछल्ले खिलाड़ी उनके साथ बल्लेबाजी कर रहे होते हैं। जड़ेजा के नाम रणजी क्रिकेट में तीन तिहरे शतक भी हैं इसलिए, तकनीकी दक्षता में कोई संदेह करना अनुचित होगा। जडेजा के वर्तमान टेस्ट रिकॉर्ड और फॉर्म को देखते हुए उन्हें लोवर मिडिल ऑर्डर से मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कराना फायदेमंद हो सकता है।

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2) टीम इंडिया के लिए लेफ्ट-राइट कांबिनेशन:

न्यूजीलैंड के विरुद्ध इस टेस्ट सीरीज में भारत का बैटिंग आर्डर राइट हैंड बैटर से भरा हुआ है। यहाँ तक कि, पूरे स्क्वॉड में अक्षर पटेल और रविन्द्र जडेजा मात्र दो प्लेयर ही लेफ्ट हैंडर हैं। वास्तव में, टीम इंडिया जिस तरह से राइट हैंड बल्लेबाजों से परिपूर्ण है वह न्यूजीलैंड के लेफ्ट हैंड गेंदबाजों के सामने समस्या में दिखाई दे सकती है।

न केवल सीमित ओवरों के क्रिकेट में, बल्कि लेफ्ट राइट कांबिनेशन संयोजन भी टेस्ट में एक उपयोगी रणनीति है।अगर रविन्द्र जडेजा को थोड़ा ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी का मौका मिलता है और अक्षर पटेल भी प्लेइंग इलेवन में हों तो टीम इंडिया यह सुनिश्चित कर सकती है कि यह रणनीति पूरी बल्लेबाजी पारी में प्रचलित हो।

इस रणनीति के साथ बल्लेबाजी लाइन अप तैयार करने में न्यूजीलैंड को एक अलग तरह की प्लानिंग के बारे में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसलिए, रविन्द्र जडेजा को टेस्ट में टॉप आर्डर या मिडिल आर्डर में बल्लेबाजी करनी चाहिए।

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3) आक्रामक आंकड़े, पुजारा और रहाणे से बेहतर:

रविन्द्र जड़ेजा किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के विरुद्ध निडर होकर बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं। रविन्द्र जड़ेजा अपने 100* के सर्वश्रेष्ठ स्कोर जिसमें पांच छक्के शामिल हैं, के साथ यह दर्शाते हैं कि वह आक्रमता के साथ बल्लेबाजी कर सकते हैं। रविन्द्र जडेजा गेंदबाज का सामना करने से कभी नहीं कतराते। कभी-कभी, गेंदबाजों पर दबाव को वापस लाने के लिए एक पलटवार सबसे अच्छी रणनीति होती है। भारत के अब तक के सबसे अच्छे सीमित ओवरों के ऑलराउंडरों में से एक, जड्डू लगातार बड़ी हिट हासिल करने में भी माहिर है।

इस बात में कोई दो राय नही है कि, न्यूजीलैंड के विरुद्ध इस पूरी टेस्ट सीरीज में अनुभवी बल्लेबाजों की न्यूनता रहने वाली है। ऐसे में रहाणे के बाद जडेजा ही सबसे अनुभवी होने के साथ कारगर साबित हो सकते हैं। चूंकि, निचले मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने के लिए रविचंद्रन अश्विन या अक्षर पटेल जैसे विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं। इसलिए भी जडेज को प्रमोट करते हुए ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करना चाहिए।

4.) रविन्द्र जडेजा टेल-एंडर्स के साथ नही रहे हैं सफल:

निचले मध्यक्रम या नंबर 6 और नंबर 7 पर खेलने वाले किसी भी बल्लेबाज में टेल-एंडर्स के साथ खेलने का हुनर ​​होना चाहिए। वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाज इसके सबसे बढियाँ उदाहरण हैं। हालांकि, रविन्द्र जडेजा पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ सिर्फ संघर्ष करते हुए दिखाई देते हैं।

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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल हो या फिर इंग्लैंड के साथ हुई सीरीज दोनों में ही जडेजा अकेले सफल रहे हैं। लेकिन, यदि टेल-एंडर्स के साथ बल्लेबाजी करने को देखें तो वह यहां पूरी तरह से असफल नज़र आए हैं।

जडेजा के लिए स्ट्राइक रोटेशन एक समस्या रही है। यदि, वह पुछल्ले बल्लेबाज को स्ट्राइक दे देते हैं तो परिणाम यह सामने आता है कि एक या दो गेंद में संघर्ष करने के बाद वह आउट हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप दवाब में आकर जड़ेजा भी आउट जाते हैं। कुल मिलाकर जड़ेजा निचले क्रम के लिए परफेक्ट नही हैं इसलिए रविचंद्रन अश्विन या फिर किसी अन्य बल्लेबाज को ही निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के लिए सेट करते हुए जड़ेजा को टॉप ऑर्डर में सेट किया जाना चाहिए।

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