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वो रेडर जिन्होंने प्रो कबड्डी इतिहास में सबसे अधिक सुपर रेड की हैं

प्रो कबड्डी की सफलता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जिस क्षेत्र में इस खेल की लोकप्रियता शून्य पर थी। वहां के लोग भी कबड्डी के बड़े प्रशंसक बन गए हैं।

प्रो कबड्डी लीग ने बीते कुछ वर्षों में ही अपार लोकप्रियता हासिल कर ली है। इस लीग के आयोजक अपने मिशन में अविश्वसनीय रूप से सफल रहे हैं। आयोजकों की सफलता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जिस क्षेत्र में कबड्डी की लोकप्रियता शून्य पर थी। वहां के लोग भी कबड्डी के बड़े प्रशंसक बन गए हैं।

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प्रो कबड्डी की तरह ही इसमें उपयोग किए जाने वाला शब्द सुपर रेड भी बेहद लोकप्रिय हुआ है। आम तौर पर, कोई भी पॉइंट नही देने वाली रेड खाली रेड मानी जाती है। एक या दो अंक प्राप्त करने वाली रेड एक सफल रेड कहा जाता है।

हालांकि, जब कोई रेडर जब अपनी एक रेड में तीन अंक हासिल करता है तो उसे ‘सुपर रेड’ कहा जाता है। हालांकि, यह इतना आसान नही होगा। इसलिए सुपर रेड करने वाले प्लेयर्स की संख्या भी काफी कम है।

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आज के इस लेख में उन प्लेयर्स की सूची पर एक नज़र डालेंगे जिन्होंने प्रो कबड्डी के इतिहास में सबसे अधिक सुपर रेड की हैं।

5.) अजय ठाकुर:

अजय ठाकुर को द आइसमैन के नाम से जाना जाता है।इतना ही नही, उनके दिमाग को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी दिमाग शांत माना है। संयोग से, ठाकुर चेन्नई स्थित तमिल थलाइवाज फ्रेंचाइजी के कप्तान भी हैं। अजय ने अपने प्रो कबड्डी लीग करियर में 23 सुपर रेड को अंजाम दिया है। अब तक वह कुल तीन फ्रेंचाइजी के लिए खेल चुके हैं।

अजय ठाकुर को सबसे पहले बेंगलुरू बुल्स ने साइन किया था। इस दौरान उन्होंने सीजन दो में बेंगलुरु को फाइनल में पहुंचने में मदद भी की। बाद में, वह पुनेरी पलटन के लिए खेले। सीजन पांच में, तमिल थलाइवाज ने लीग में प्रवेश किया। और अब वह इस फ्रेंचाइजी के कप्तान भी हैं।

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4.) राहुल चौधरी:

राहुल चौधरी प्रो कबड्डी लीग के पहले पोस्टर बॉय थे। वह अपने रेडिंग कौशल के कारण एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। लगातार रेड पॉइंट अर्जित करने और बार-बार रेड करने के कारण उन्हें रेड मशीन के नाम से भी जाना जाता है। राहुल चौधरी प्रो कबड्डी लीग के सबसे सफल प्लेयर्स में से एक हैं।

राहुल मुख्य रूप से बोनस और सोलो टच पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हालाँकि, जब डिफेंडर उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं तब वह बेहद आक्रमता के साथ पॉइंट अर्जित करते हैं। राहुल, तेलुगु टाइटन्स और तमिल थलाइवाज के लिए खेल चुके हैं। वह छह सीज़न के लिए टाइटन्स के साथ थे। उन्होंने अपने प्रो कबड्डी करियर में 24 सुपर रेड को अंजाम दिया है।

3.) रिशांक देवाडिगा:

कुछ प्रशंसकों को यह आश्चर्यजनक लग सकता है कि रिशांक देवाडिगा इस सूची में राहुल चौधरी से आगे हैं। देवडिगा ने तमिल थलाइवाज के लिए एक से बढ़कर सुपर रेड की है।हालांकि, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत यू मुंबा से की थी। जहाँ रिशांक को काफी सफलता और प्रसिद्धि हासिल हुई थी। बाद में, वह यूपी योद्धा में चले गए।

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रिशांक देवाडिगा ने यूपी की सफलता में अहम भूमिका निभाई है। रिशांक के बेहतरीन प्रदर्शन की मदद से ही यूपी योद्धा प्रत्येक सीजन में दूसरे दौर तक पहुंचने में सफल हुई है। इतना ही नही, जब रिशांक यू मुंबा के लिए खेल रहे थे तब वह भी तीन बार फाइनल में पहुंची थी। इससे पता चलता है कि रिशांक मैच विनर प्लेयर हैं। उनके 25 सुपर रेड उसी का संकेत देते हैं।

2.) पवन कुमार सहरावत:

पवन कुमार सहरावत इस लिस्ट में तेजी से आगे बढ़े हैं। सीजन पांच तक तो फैंस उन्हें जानते भी नहीं थे। हालांकि, सीजन छह में उनकी जिंदगी बदल गई। पवन बेंगलुरु बुल्स फ्रेंचाइजी का सबसे बड़ा चेहरा बन गए थे। बुल्स को खिताब जीतने में मदद करने के लिए उन्होंने कप्तान रोहित कुमार के साथ एक शानदार साझेदारी की थी।

बाद में, पवन ने रोहित की जगह कप्तान के रूप में भी काम किया। सहरावत एक बार गुजरात फॉर्च्यून जायंट्स के लिए खेले थे। हालांकि, पहले कुछ सीज़न में डिफेंडरों ने उन पर दबदबा बनाया। सीज़न छह और सात में, उन्होंने अंकों का पहाड़ बनाया है। पवन के 26 सुपर रेड मुख्य रूप से पिछले दो सीजन में ही आए हैं।

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1.) प्रदीप नरवाल:

प्रदीप नरवाल प्रो कबड्डी के सबसे बड़े सुपर स्टार हैं। पटना पाइरेट्स को लगातार तीन सीजन जीतने में मदद करने वाले प्रदीप नरवाल बेहद ही शानदार रेडर हैं। एक सामान्य कबड्डी खिलाड़ी के लिए उनकी सभी उपलब्धियां बेहद महनीय हैं।प्रदीप ने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु बुल्स से की थी।बाद में, वह पटना पाइरेट्स का हिस्सा बन गए।

पटना में आने के बाद प्रदीप नरवाल और उनकी फ्रेंचाइजी दोनों की किस्मत बदल गई। उनके अलावा किसी भी रेडर के नाम 30 सुपर रेड भी नहीं हैं। जबकि प्रदीप नरवाल के नाम 53 सुपर रेड हैं। वह अब पटना के कप्तान भी बन गए हैं। लेकिन, आगामी सत्र में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

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