क्रिकेट को हमेशा से ही अनिश्चितताओं का खेल माना जाता रहा है। इस खेल में हर रोज़ कई रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं। क्रिकेट के रिकॉर्ड्स की भीड़ में कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स भी होते हैं। जिन्हें, सुनकर किसी भी यह लग सकता है कि यह असंभव है। लेकिन, जब एक ओवर में लगातार 6 चौकों और 6 छक्कों की बरसात हो चुकी हो तब कोई भी रिकॉर्ड बनना मुमकिन है।
क्रिकेट का सबसे पुराना फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट है। हालांकि, जैसे-जैसे समय बीता इस खेल में काफी बदलाव आने के साथ ही नए फॉर्मेट्स भी सामने आए। शुरुआती स्तर पर एकदिवसीय क्रिकेट और अब टी-20 क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद लोकप्रिय हो चुका है।
शुरुआत में कोई भी बल्लेबाज अधिक रिस्क न लेते हुए धीमी गति से ही खेल को आगे बढ़ाता था। पूरे मैच में दो-चार छक्के लग जाना भी बड़ी बात होती थी। लेकिन, अब एक ओवर में ही कई छक्के देखने को मिल जाते हैं। चूंकि, क्रिकेट की प्रत्येक गेंद अपने आप में एक रिकॉर्ड होती है। इसलिए इस खेल में रिकॉर्ड्स का बहुत अधिक महत्व है।
रिकॉर्ड्स के महत्व के इसी नोट के साथ, आज के इस लेख में हम क्रिकेट के उन दो रिकॉर्ड्स को देखेंगे जो बेहद अनोखे हैं और इन्हें जानकर कोई भी यही कहेगा कि ये रिकॉर्ड्स फेक हो सकते हैं। लेकिन, वास्तव में ये सच हैं।
1.) एक ओवर में 50 रन:
कल्पना कीजिए कि किसी टीम को आखिरी मैच जीतने के लिए आखिरी ओवर में 50 रनों की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में यह आसानी से कहा जा सकता है कि अंतिम 6 गेंदों में 50 रन बनना लगभग नामुमकिन है। लेकिन, क्रिकेट में यह भी संभव हो सकता है। क्योंकि क्रिकेट इतिहास में ऐसा हो चुका है जब किसी टीम द्वारा एक ओवर में 50 रन बनाए गए हैं।
दरअसल, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक क्लब स्तर के मैच में नाथन बेनेट नामक एक गेंदबाज ने एक ओवर में सबसे ज्यादा रन देने का रिकॉर्ड बनाया। यदि कोई गेंदबाज छह गेंदें फेंकता है, और उन सभी पर छक्का भी लग जाता है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को अधिकतम 36 रन ही मिल सकते हैं।
लेकिन, नाथन बेनेट ने अपने ओवर में 50 रन खर्च कर दिए थे। यह पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में खेला गया एक डी-ग्रेड मैच था। जिसमें गेंदबाज द्वारा फेंकी गई सभी गेंदों पर छक्का लगाया गया। वास्तव में, बॉलर बेनेट ने उस ओवर में कुल आठ गेंदें फेंकी, जिनमें से दो नो बॉल थीं। किंग्सले वुडवेल क्रिकेट क्लब के बेनेट द्वारा फेंके गए ओवर से सोरेंटो डनक्रेग क्लब ने 50 रन बनाए। जिसमें 8 छक्कों से 48 रन तथा दो नो बॉल से रन यानि कुल 50 रन प्राप्त हुए।
2.) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे धीमा अर्धशतक:
हमने हाल ही में टी-20 विश्वकप के दौरान देखा है कि भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने स्कॉटलैंड के विरुद्ध हुए मैच में 18 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया था। टी-20 क्रिकेट में आजकल, बल्लेबाजों का लक्ष्य 25 से 30 गेंदों में अर्धशतक बनाना होता है। जबकि, एकदिवसीय क्रिकेट में, आमतौर पर 40-45 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया जाता है।
इसी प्रकार, टेस्ट क्रिकेट में भी 100 से 150 गेंदों का लक्ष्य रखते हुए अर्धशतक पूरा किया जाता है। चूंकि, ये सब आकंड़े सभी क्रिकेट फैंस को पता हैं। इसलिए, शायद ही किसी को इस बात पर विश्वास हो कि इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ट्रेवर बेली ने 1958 में एशेज सीरीज के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे धीमा अर्धशतक बनाया था।
गाबा में खेले गए इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए ट्रेवर बेली ने 350 गेंदों पर अर्धशतक बनाया था। यानि कि, उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा करने के लिए 58 ओवर से अधिक गेंदें खेलीं थीं। आज तक, यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में किसी भी क्रिकेटर द्वारा बनाया गया सबसे धीमा अर्धशतक है।