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आईपीएल इतिहास के पांच मास्टरस्ट्रोक फैसलों के बारे में जानिये

आईपीएल 2022 को शुरू हुए एक महीने से ऊपर का समय बीत चुका हैं। इस दौरान एक से बढ़कर एक मैच देखने को मिले है। वहीं 2008 में जब से आईपीएल शुरू हुआ है तब से लगातार दर्शकों का मनोरंजन करता हुआ आ रहा है। ये आईपीएल का 15वां सीजन चल रहा है।

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इस दौरान टीमों के कप्तानों ने ऐसे फैसले लिए जिन्होंने मैच का रूख बदलकर रख दिया। तो आज हम आपको आईपीएल के पांच ऐसे मास्टर स्ट्रोक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने मैच का रुख बदलकर रख दिया।

5. 2011 के फाइनल में आर अश्विन ने नई गेंद से कराई गेंदबाजी

आईपीएल 2011 का फाइनल चेन्नई सुपरकिंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के बीच खेला गया था। इस मैच में चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माइक हसी के 63 और मुरली विजय के 95 रन की पारी की बदौलत 20 ओवर में 205 रन का स्कोर खड़ा किया था। इस सीजन में यूनिवर्स बॉस गेल बेहतरीन फॉर्म में चल रहे थे।

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चेन्नई के कप्तान धोनी ने पहले ओवर में गेंदबाजी ऑफ स्पिनर आर अश्विन को दी। वहीं गेल भी अश्विन के जाल में फंस गए। इस मैच में वो 3 गेंदे खेलकर बिना खाता खोले आउट होकर पवेलियन लौट गए। आरसीबी यह फाइनल मैच 58 रन से हार गया।

2- गंभीर के बुने जाल में फंसे धोनी

गंभीर ने आईपीएल में अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार 2012 और 2014 में आईपीएल चैंपियन बनाया था। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो एक बेहतरीन कप्तान थे। अपनी बेहतरीन कप्तानी की एक झलक उन्होंने आईपीएल 2016 में उन्होंने कोलकाता और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ दिखाई। इस मैच में बारिश होने के कारण ओवरों कम किये गए थे।

इस मैच में धोनी जब बल्लेबाजी करने आये तब पुणे 74 के स्कोर पर 4 विकेट खो चुका था। गौतम गंभीर ने धोनी के चारों ओर तीन खिलाड़ियों की फील्ड सजा दी। जिस वजह से धोनी को रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। धोनी ने इस मैच में 22 गेंद में नाबाद 8 रन की पारी खेली थी। कोलकाता ने यह मैच 8 विकेट से अपने नाम कर लिया था।

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3- केकेआर की तरफ से सुनील नरेन ने की ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी

कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर ने आईपीएल 2017 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ एक मैच में क्रिस लिन के साथ सुनील नरेन से पारी की शुरुआत करवाई और उनका ये प्लान काम कर गया था। इस मैच में आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 158 रन का स्कोर खड़ा किया था।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी कोलकाता की टीम को क्रिस लिन के साथ सुनील नरेन ने बेहतरीन शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी की। इस मैच में लिन ने 22 गेंद में 50 रन बनाये। वहीं नरेन ने भी 17 गेंद में 54 रन की पारी खेली। इन दोनों की बेहतरीन पारियों की मदद से कोलकाता ने यह मैच 15.1 ओवरों में यह मैच 6 विकेट से अपने नाम कर लिया था।

4- क्रिस गेल को आईपीएल 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने खरीदा

क्रिस गेल 2008 से लेकर 2010 तक कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेले थे। हालांकि इस दौरान वो टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे। इसी कारण 2011 की नीलामी में उन्हें खरीदने में किसी भी टीम ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं आरसीबी ने बाद में उन्हें चोटिल डिर्क नानेस के रिप्लेसमेंट के रूप में उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।

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आरसीबी के लिए यह मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि उन्होंने 2011 में 12 मैच खेलते हुए 183.13 के बेहतरीन स्ट्राइक रेट की मदद से 608 रन बनाये थे। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 3 अर्धशतक देखने को मिले थे।

5- 2010 के आईपीएल फाइनल में धोनी ने पोलार्ड को आउट करने के लिए बिछाया जाल

आईपीएल 2010’का फाइनल मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया था। चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 168 रन का स्कोर बनाया था।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई को आखिरी 7 गेंदों में जीत के लिए 27 रन की जरुरत थी। धोनी ने बिल्कुल स्ट्रैट में फील्डर लगाया और पोलार्ड ने एल्बी मोर्कल की स्टंप की बाहर की गेंद को मारने के चक्कर में जहां धोनी ने फील्डर लगाया था उसे कैच दे बैठे। चेन्नई ने यह मैच 22 रन से अपने नाम कर लिया था।

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