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टी20 विश्व कप 2022 के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद, बीसीसीआई ने सलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष चेतन शर्मा सहित उनकी पूरी टीम को हटा दिया है। जिसके बाद अब, नई सलेक्शन कमेटी बनाई जाएगी। इसलिए, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बीसीसीआई के नए चयनकर्ता कुछ ऐसे प्लेयर्स को मौका दे सकते हैं, जिन्हें अब तक कम मौके मिले हैं।
कई फैंस का मानना है कि पुराने सलेक्टर्स ने सभी खिलाड़ियों को बराबर मौके नहीं दिए। कुछ फैंस ने यह भी आरोप लगाए हैं कि अच्छा खेलने वालों के बजाय क्रिकेटरों की स्टार पावर को प्राथमिकता दी जा रही है। तो चलिए बिना देर किए भारतीय क्रिकेट के उन चार खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं, जिन्हें नए सेलेक्टर्स की नियुक्ति के बाद मौका मिल सकता है।
1.) पृथ्वी शॉ:
पृथ्वी शॉ भारत के अंडर-19 विश्वकप टीम के कप्तान रह चुके हैं। कई लोग पृथ्वी शॉ को अगला वीरेंद्र सहवाग भी मानते है। पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने उनकी तुलना ब्रायन लारा और सचिन तेंदुलकर से भी की थी। हालांकि चयनकर्ताओं ने उन्हें साल 2022 में खेलने का एक भी मौका नहीं दिया।
इन्होनें 5 टेस्ट मैचों में 339 रन बनाए। इन मैचों में इनका एवरेज 42.4 और स्ट्राइक रेट 86.0 रहा। वनडे में इन्होंने 6 मैच खेले और 189 रन बनाए। इनका एवरेज 31.5 और स्ट्राइक रेट 113.8 रहा। वहीं आईपीएल के 63 मैचों में 1588 रन बनाए और एवरेज 25.2 और स्ट्राइक रेट 147.4 रहा।
2.) राहुल तेवतिया:
आईपीएल में राहुल तेवतिया टॉप फिनिशर में से एक हैं। तेवतिया लेग स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। उन्होंने ये दिखाया है कि वे तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी शांत रह सकते हैं और कहीं से भी मैच का रुख बदल सकते हैं।
इसके बाद भी अब तक तेवतिया को टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका नहीं मिला है। आईपीएल में इनके आंकड़े बताते हैं कि ये यह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। राहुल तेवतिया 65 मैचों में 738 रन और इनका स्ट्राइक रेट 130.4 और एवरेज 25.4 रहा। गेंदबाजी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन्होंने आईपीएल के 64 मैचों में 32 विकेट लिए। इनका औसत 7.92 और एवरेज 34.2 रहा।
3.) टी नटराजन:
नटराजन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, जिन्हें डेथ ओवर में गेंदबाजी करना पसंद है। वह चोटिल से होकर टीम इंडिया से बाहर हो गए थे। हालांकि अब, नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। नटराजन को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज खेलने के बाद भी भारत के लिए खेलने का मौका क्यों नहीं मिला। यह समझना बहुत मुश्किल है। अब नए सेलेक्टर्स के आने के बाद वह ODI और T20I में अगला नाम हो सकते हैं।
इनके आकड़ों की बात करें तो इन्होंने 1 टेस्ट मैच खेला और 3 विकेट लिए। वहीं इनका औसत 3.10 रहा और एवरेज 39.7 था। वनडे के 2 मैचों में 3 विकेट लिए और 7.15 का औसत रहा और एवरेज 47.7 रहा। इन्होंने टी20 के 4 मैचों में 7 विकेट चटकाए। वहीं इनका औसत 7.62 था और एवरेज 17.4 था। आईपीएल के 35 मैचों में 38 विकेट लिए। और 8.64 के औसत से इनका एवरेज 28.8 रहा।
4.) ऋषि धवन:
हार्दिक पांड्या के लिए भारत को बैकअप चाहिए। उन्होंने, आईपीएल के आधार पर विजय शंकर, शिवम दूबे और वेंकटेश अय्यर को आजमाया है। हालांकि, इनमें से किसी को भी सफलता नहीं मिली है। ऐसे में, घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले ऋषि धवन को भी मौका दिया जा सकता है।
ऋषि धवन को अब तक 3 वनडे और एक टी20I खेलने का मौका मिला है। हालांकि, इन दौरान वह अधिक प्रभावित करने में सफल नहीं रहे। लेकन, वह एक बार फिर आईपीएल और घरेलू मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके आधार पर सलेक्शन कमेटी उन्हें टीम इंडिया में जगह देकर हार्दिक पांड्या का बैकअप तैयार कर सकती है।