भारतीय क्रिकेट तटीम के सलामी बल्लेबाज और टी 20 क्रिकेट के नए नवेले कप्तान रोहित शर्मा ने इंग्लैंड दौरे पर अपने टेस्ट मैच की बल्लेबाजी में जो सुधार दिखाया था वह बेहद शानदार था। हालांकि, यह क्रिकेट विशेषज्ञों समेत खेल प्रशंसकों के लिए आश्चर्यजनक भी था। क्योंकि, यह उनके करियर का पहला विदेशी दौरा था जहां वह बेहद मुश्किल परिस्थितियों में भी सहज ढंग से बल्लेबाजी करते हुए दिखाई दिए।
भारतीय पत्रकार बोरिया मजूमदार ने हाल ही में रोहित शर्मा के साथ बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने रोहित से पूछा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले उन्होंने ऐसा क्या अलग किया जिससे उन्हें नई गेंद का सामना करते हुए परेशानी नही हुई और वह शानदार प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए।
इस प्रश्न के जवाब में, रोहित ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह था कि भारतीय खिलाड़ियों के पास तैयारी के लिए काफी समय था। इसलिए वह जल्द ही इंग्लैंड पहुंच गए थे। वास्तव में, विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के बाद, इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला के लिए अपनी तैयारी को ठीक करने के लिए टीम इंडिया के पास 20 दिनों से अधिक का समय था।
रोहित के अनुसार, उन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल और इंग्लैंड श्रृंखला की शुरुआत के बीच के अंतराल के दौरान भारत के थ्रोडाउन विशेषज्ञों के साथ बहुत काम किया और यह उस तैयारी के कारण था कि वह अच्छा उस दौरे में अच्छा प्रदर्शन कर सके।
भारत के थ्रोडाउन विशेषज्ञ अलग-अलग लंबाई से करते हैं गेंदबाजी: रोहित शर्मा
रोहित ने खुलासा किया कि भारत के पास बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर के अलावा तीन थ्रोडाउन विशेषज्ञ भी हैं। जो प्रशिक्षण सत्र के दौरान खिलाड़ियों को थ्रोडाउन भी देते हैं और सभी थ्रोडाउन विशेषज्ञ अलग-अलग लंबाई और कोण से गेंदबाजी करते हैं।
भारत के नियमित थ्रोडाउन विशेषज्ञ रघु थोड़ी फुलर लेंथ से गेंदबाजी करते हैं। जबकि, दया नाम के एक अन्य थ्रोडाउन विशेषज्ञ, जिन्हें भारत ने हाल ही में भर्ती किया है वह एक लेंथ से बैक बॉल करते हैं। इसके अलावा, टीम इंडिया के पास नुवान नामक एक श्रीलंकाई थ्रोडाउन विशेषज्ञ भी हैं जो बाएं हाथ से गेंदबाजी करते हुए एक अलग कोण प्रदर्शित करते हैं।
रोहित ने कहा कि उन्होंने अपने बैट लिफ्ट समेत अन्य तकनीकों में बदलाव किया है। चूंकि, वह इस तरह की बल्लेबाजी करने के लिए अभ्यस्त नहीं थे। इसलिए, उन्हें इस तमाम बदलावों के साथ प्रैक्टिस करते हुए कलाई में काफी दर्द का सामना करना पड़ा है। रोहित ने यह भी कहा कि, इस प्रैक्टिस के दौरान उन्हें पता था कि आगे की तैयारी के लिए उन्हें यह सब सहन करना होगा।
गौरतलब है कि,भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज अभी पूरी नहीं हुई है। क्योंकि, जब भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेल रही थी तब भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री, बॉलिंग कोच भरत अरुण, फिजियो नितिन पटेल, आर.श्रीधर तथा योगेश परमार कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद सीरीज का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच अंतिम टेस्ट मैच स्थगित कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि, भारत और इंग्लैंड के बीच हुई सीरीज में फिलहाल भारत 2-1 से आगे है और पांचवें टेस्ट के लिए अगले वर्ष जुलाई में यानी कि 1 जुलाई 2022 को दोनों टीमें एजबेस्टन में आमने सामने होंगी।