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विराट ने खुलासा किया कि वह मानसिक शक्ति को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- उन्हें ब्रेक की थी जरूरत

स्टार स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुलासा किया कि वह पिछले एक महीने से अपने बारे में गंभीरता से आत्मनिरीक्षण कर रहे थे जब भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे का दौरा कर रही थी। कोहली ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अपने बल्ले को छुआ तक नहीं था और पूरी तरह से ब्रेक पर थे।

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विराट कोहली के अनुसार, उन्होंने महसूस किया कि नकली इंटेंसिटी उन्हें बहुत दूर नहीं ले जाएगी। उन्हें ये मानना कि वह बुरी मानसिक स्थिति में है। ऐसा उन्होंने अपने करियर में पहले कभी नहीं किया था। कोहली ने कहा कि उनके बारे में लोगों की राय है कि उनके पास अपार मानसिक शक्ति है, जो वास्तव में उनके पास है, लेकिन अगर किसी के पास अपार मानसिक शक्ति है, तो उसकी भी लिमिट है।

विराट कोहली ने आगे कहा कि वह शायद पिछले कुछ महीनों में अपनी मानसिक शक्ति की दहलीज पर पहुंच गए थे और उनके लिए यह जरुरी था कि वे स्वीकार करें कि वह अभी भी क्रिकेट के मैदान पर जिस इंटेंसिटी को दिखाने की कोशिश कर रहे थे, वह रियल इंटेंसिटी नहीं थी बल्कि फेक थी।

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जज किए जाने के डर से लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पब्लिकली नहीं बोलते: विराट कोहली

कोहली ने अपने इंटरव्यू में कहा कि लोग ऐसी चीजों के बारे में पब्लिकली बात नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें कमजोर लोगों के रूप में गिना जाएगा। कोहली ने जोर देकर कहा कि उनकी राय में, यदि कोई ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां वह थोड़ा कमजोर महसूस कर रहा है, तो यह स्वीकार करना व्यक्ति के लिए ताकत का ढोंग करने से बेहतर है क्योंकि मानसिक दबाव व्यक्ति पर किसी भी तरह से भारी पड़ता हैं।

विराट कोहली अकेले ऐसे क्रिकेटर नहीं हैं जिन्होंने हाल के दिनों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पब्लिकली बात की है। इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स भी पिछले साल अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा करते हुए एक डॉक्यूमेंट्री लेकर आए हैं। फिनिक्स फ्रॉम द एशेज नाम की डॉक्यूमेंट्री कल रिलीज हुई थी और यह अमेजन प्राइम पर आपको देखने के लिए मिल जाएगी।

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