विराट कोहली इस पीढ़ी के सबसे महान ऑल फॉर्मेट बल्लेबाज हैं। सिर्फ बल्ले से ही नहीं, विराट ने अपनी निडर और आक्रामक कप्तानी से कई क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों को भी प्रभावित किया है। हाल ही में पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कोहली की कप्तानी पर अपने विचार व्यक्त किए और उनकी तुलना सौरव गांगुली कप्तानी के दौर से की।
पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भारतीय टीम में ‘कभी हार मत मानो और किसी भी कीमत पर जीत’ की मानसिकता पैदा की है। भारतीय टीम ने कोहली की कप्तानी में विदेशी टेस्ट मैच जीतना शुरू किया। हालांकि वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि विराट ने गांगुली की तरह अपने खिलाड़ियों का समर्थन नहीं किया।
वीरेंद्र सहवाग ने स्पोर्ट्स 18 पर होम ऑफ हीरोज पर बातचीत के दौरान कहा, ”सौरव गांगुली ने एक नई टीम बनाई, नए खिलाड़ियों को लाए और उनके उतार-चढ़ाव भरे समय में उनका समर्थन किया। मुझे संदेह है कि क्या कोहली ने अपने कार्यकाल में ऐसा किया।”
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वह सौरव गांगुली के नेतृत्व कौशल को क्रिकेट की दुनिया में किसी से भी अधिक मानते हैं। दाएं हाथ के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज का मानना है कि कोहली भविष्य की पीढ़ियों के लिए गांगुली की तरह टीम नहीं बना सके। सौरव ने कठिन दौर में हरभजन सिंह, युवराज सिंह, जहीर खान जैसे अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया।
लगभग हर टेस्ट के बाद टीम बदलने का चलन था- वीरेंद्र सहवाग
विराट कोहली भारत के अब तक के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। भारत ही नहीं, विराट क्रिकेट की दुनिया में अब तक के सबसे महान रेड बॉल कप्तानों में से एक हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने तेज गेंदबाजी में बहुत बड़ी सुधार देखी है। हालांकि सहवाग हर मैच में टीम संयोजन बदलने के लिए विराट से प्रभावित नहीं थे।
सहवाग ने कहा, ”मैं समझता हूँ कि नंबर 1 कप्तान वह है जो एक टीम बनाता है और अपने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देता है। उन्होंने (कोहली) कुछ खिलाड़ियों का समर्थन किया, कुछ का नहीं। कोहली की कप्तानी के दौरान 2-3 साल तक लगभग हर टेस्ट के बाद टीम बदलने का चलन था, चाहे वे या हारे या जीते।”