CricketNews

बॉल टेम्परिंग पर एलन बॉर्डर ने किया डेविड वार्नर का समर्थन, कहा गेंद के साथ छेड़खानी की होनी चाहिए इज़ाजत

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बॉर्डर ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में कहा कि टीमों को गेंद के साथ छेड़छाड़ करने की इजाज़त होनी चाहिए। एलन बॉर्डर के इस बयान से क्रिकेट जगत में सनसनी मच गई है। एलन बॉर्डर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रह चुके हैं। वे एक धाकड़ बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते थे और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के पितामह भी कहे जाते हैं। इनकी ही कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था।

Advertisement

बॉल टेम्परिंग से हटाना चाहिए बैन: एलन बॉर्डर

पूर्व कप्तान ऑस्ट्रेलिया के एक न्यूज पेपर द वेस्ट ऑस्ट्रेलियन के साथ बातचीत कर रहे थे। इसी बातचीत में उनसे पूछा गया कि वे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा, 2018 के, गेंद से छेड़खानी करने के मामले में, डेविड वार्नर पर कप्तानी से लगाये गये लाइफ टाइम बैन के बारे में क्या सोचते हैं। इस पर एलन बॉर्डर ने कहा कि उन्हें लगता है कि जितना जल्दी से जल्दी हो सके, इस बैन को हटा देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दुनिया में क्रिकेट खेलने वाली ऐसी एक भी टीम नहीं है को बॉल टेंपरिंग में शामिल ना हो। दुनिया की किसी भी क्रिकेट टीम का कोई भी पूर्व कप्तान नहीं होगा ऐसा हो इस बारे में ईमानदारी से कह सके कि उसने कभी बॉल टेंपरिंग नहीं की है या इसे बढ़ावा नहीं दिया है। सबने यह किया है, सब यह करते हैं, फ़र्क बस इतना है कि वार्नर और उनके साथी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ऐसा करते हुए कैमरा पर पकड़ लिए गए।

Advertisement

अच्छे उद्देश्यों के लिए बॉल टेम्परिंग करने की हो इजाजत

एलन बॉर्डर ने यह भी कहा कि अच्छे उद्देश्यों के लिए गेंद से छेड़खानी करने की इजाज़त भी होनी चाहिए। यदि कोई टीम गेंद को रिवर्स स्विंग कराने के लिए उसके किसी हिस्से को सैंड पेपर से या बोतल की धातु की कैप से खुरचना चाहे तो ऐसा करने की छूट होनी चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया के सम्मानित पूर्व कप्तान से ऐसा बयान आना हैरतअंगेज है। दुनिया भर में क्रिकेट के फैंस इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं। क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC के नियमों के अनुसार यदि कोई भी टीम या खिलाड़ी गेंद के आकार के साथ किसी भी किस्म की छेड़खानी, तब करते हैं, जब उस गेंद से अभी भी खेल खेला जा रहा हो, तो यह गैरकानूनी है।

आधुनिक समय की क्रिकेट में तो बॉल टेंपरिंग के ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन पूर्व में इसका अपना इतिहास रहा है। आज के समय में मैदान में इतने कैमरे होते हैं कि ऐसा कुछ करना बहुत ही मुश्किल है। हर खिलाड़ी की हरकतें सब देख रहे होते हैं।

Advertisement

Related Articles

Back to top button