पूर्व भारतीय चयनकर्ता सबा करीम का विचार है कि, भले ही रोहित शर्मा को क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत का कप्तान बनाया जाए। लेकिन, वह लंबे समय तक कप्तानी नही कर सकते हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि, रोहित एक अच्छे खिलाड़ी नही हैं। बल्कि 34 साल के रोहित के लिए फिटनेस एक अहम मुद्दा है।
सबा करीम के अनुसार, भारतीय चयनकर्ता 2023 तक खुद को असमंजस में पाएगें। क्योंकि, उस वर्ष एकदिवसीय विश्व कप और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप दोनों ही सीरीज होनी है। और, तब तक रोहित 37 वर्ष के हो जाएंगे।
अगर, चयनकर्ताओं को यहां से भविष्य की ओर देखना है तो कप्तानी में आगे भी बदलाव करना होगा। इसलिए जरूरी है कि, रोहित के अलावा कोई और कप्तान भी तैयार करना होगा।
ऐसा माना जा रहा है कि, इस समय रोहित शर्मा के अलावा कप्तानी का कोई दूसरा विकल्प फिलहाल नज़र नहीं आ रहा है। क्योंकि, रोहित इस समय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अच्छी तरह से स्थापित हैं। साथ ही नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए पर्याप्त अनुभवी भी हैं।
रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट में एक बल्लेबाज के रूप में और आईपीएल में एक कप्तान के रूप में जो किया है। उसके लिए उन्हें टीम के भीतर काफी सम्मान मिला है। और, वह अगले कुछ वर्षों तक टीम का अच्छी तरह से नेतृत्व कर सकते हैं। लेकिन, चयनकर्ताओं को भविष्य के बारे में भी सोचना होगा।
भारतीय चयनकर्ताओं ने अभी तक भारत में टेस्ट कप्तान के रूप में किसी का नाम नहीं लिया है। और शुरुआत में ऐसी खबरें थीं कि केएल राहुल टेस्ट कप्तानी संभालने के दावेदारों में से एक हो सकते हैं। क्योंकि, रोहित की फिटनेस पर सवालिया निशान थे। राहुल स्पष्ट रूप से दक्षिण अफ्रीका में अपनी कप्तानी से चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं कर सके हैं।
आईपीएल में लंबे समय से कप्तान हैं रोहित शर्मा
लिमिटेड ओवर्स की कप्तानी के अलावा रोहित शर्मा फिलहाल टेस्ट कप्तानी के लिए भी पसंदीदा हैं। लेकिन, सबा करीम का मानना है कि, रोहित की फिटनेस पर जांच होनी चाहिए। क्योंकि, भारत के पास ऐसा कप्तान हो जो नियमित रूप से चोटिल ना रहे।
हालाँकि, रोहित शर्मा को सफेद गेंद के क्रिकेट में कप्तानी करने का बहुत अनुभव है। क्योंकि वह आईपीएल में पिछले 8 वर्षों से मुंबई इंडियंस के कप्तान हैं। विराट कोहली के अचानक इस्तीफा देने कि वजह से भारत को नये टेस्ट टीम का भी नेतृत्व करने वाले कप्तान की तलाश है।