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वो 5 विकेटकीपर जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक स्टंपिंग की है

इस सूची में दो भारतीय और दो ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर हैं शामिल

क्रिकेट के किसी फॉर्मेट में यदि विकेटकीपिंग सबसे अधिक कठिन है तो वह टेस्ट क्रिकेट। क्योंकि इसमें लगातार 90 ओवर तक विकेट के पीछे खड़े होना पड़ता है। साथ ही, स्टंपिंग के लिए झुककर खड़े होने के कारण पीठ दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है।

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कोई टीम यह हमेशा चाहती है कि बल्ले का किनारा लेकर विकेट के पीछे जाने वाली प्रत्येक गेंद को पकड़ा जाए। इसके अलावा, इस सबसे बड़े फॉर्मेट में स्टम्पिंग भी बेहद मुश्किल होती है। क्योंकि, बल्लेबाज आमतौर पर क्रीज के अंदर ही खड़े होते हैं। इसलिए, उन्हें स्टंप आउट करने की संभावना बहुत कम होती है।

इसी शानदार नोट पर, आज के इस लेख में, हम उन विकेटकीपरों पर एक नज़र डालते हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक स्टंपिंग की है।

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5.) एडम गिलक्रिस्ट:

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट इस सूची में पांचवें स्थान पर हैं। गिलक्रिस्ट जब अपने करियर की शुरुआत मर रहे थे तब ऐसा माना जा रहा था कि विकेटकीपर के लिए जरूरी कौशल और कलाबाजी की क्षमता उनमें नही है। लेकिन, उन्होंने मैच दर मैच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर लोगों को यह राय बदलने में मजबूर कर दिया।

वह इस समय टेस्ट में दूसरे सबसे सफल विकेटकीपर हैं। वास्तव में, अपने संन्यास की घोषणा करने से एक दिन पहले, वह सफलता की सूची में पहले स्थान पर थे। ऑस्ट्रेलिया की हरी घास वाली तेज पिचों के बावजूद इस दिग्गज विकेटकीपर के नाम 37 स्टम्पिंग हैं।

4.) सैयद किरमानी:

साल 1983 की विश्वकप विजेता टीम के सदस्य सैयद किरमानी लगभग बारह वर्षों तक टीम इंडिया के लिए सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर रहे। इस अवधि के दौरान, उन्होंने भारत की प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी-ई प्रसन्ना, एस वेंकटराघवन, बी चंद्रशेखर और बिसन सिंह बेदी की गेंदों पर कई स्टम्पिंग की।

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यह वह दौर था जब क्रिकेट में विशेषज्ञ विकेटकीपर की अवधारणा प्रचलित थी। हालांकि उन्होंने अक्सर बल्ले से भी योगदान दिया, उनकी प्राथमिक भूमिका आज के विपरीत, दस्ताने के साथ थी। सैयद किरमानी ने अपनी भूमिका को पूर्णता के साथ निभाया और टीम इंडिया के सबसे सफल कीपरों में से एक के रूप में रिटायर हुए। सन्यास के ऐलान से पहले किरमानी टेस्ट क्रिकेट में 38 स्टम्पिंग कर चुके थे।

3.) महेंद्र सिंह धोनी:

संयुक्त रूप से सभी प्रारूपों में, एमएस धोनी ने सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय स्टंपिंग की है। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग करने वाले विकेटकीपरों की इस लिस्ट में वह तीसरे नंबर पर हैं। धोनी इस फॉर्मेट के सबसे सफल विकेटकीपर कप्तान भी हैं। उन्होंने टेस्ट में कप्तान के रूप में 60 मैच खेले हैं, एक ऐसा कारनामा जिसके करीब कोई दूसरा विकेटकीपर भी नहीं आया है।

स्टंप के पीछे एमएस धोनी की सजगता और जागरूकता का कोई परिचय नहीं है। अनिल कुंबले, आर अश्विन और हरभजन सिंह जैसे दिग्गज स्पिनरों को रखने के बाद, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी इस सूची का हिस्सा हैं। धोनी ने अपने टेस्ट करीयर में 38 स्टम्पिंग की है।

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2.) गॉडफ्रे इवांस:

गॉडफ्रे इवांस अपने क्रिकेट करियर में ऐसा कोई अन्य कारनामा नही कर सके हैं, जिसका जिक्र किया जाना चाहिए।लेकिन, उन्होंने स्टंप के पीछे जो प्रतिभा दिखाई है, उसका अनुकरण बहुत कम विकेटकीपर कर पाए हैं। वह एक बेहद फिट क्रिकेटर थे, जो स्टंप के पीछे अपने करिश्मे और ऊर्जा के लिए जाने जाते थे। इस इंग्लिश विकेटकीपर ने प्रयोग करने में संकोच नहीं किया, इससे

अपने करियर के दौरान, इवांस ने 46 स्टंपिंग के अलावा 173 कैच भी लपके हैं। जिससे वह इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। इवांस के लिए यह कहा जाता है कि वह बिजली की गति से स्टम्पिंग करने में माहिर थे। हालांकि, वह बल्ले से कुछ खास नही कर सके और उनका करियर मात्र दो शतक के साथ खत्म हो गया।

1.) बर्ट ओल्डफील्ड:

टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग करने वाले विकेटकीपरों की इस लिस्ट में बर्ट ओल्डफील्ड सबसे ऊपर हैं। उनके आंकड़े बताते हैं कि आखिरी उन्हें स्टम्पिंग मशीन क्यों कहा जाता था।अधिकांश सफल कीपरों द्वारा खेले गए मैंचों की तुलना में आधे मैच खेलने के बावजूद, ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर ओल्डफ़ील्ड ने अपने करियर में 52 स्टम्पिंग की है।

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साल 1925 में जैक हॉब्स जैसे खिलाड़ियों सहित एक पारी में अपनी चार स्टंपिंग के लिए प्रसिद्ध, ओल्डफील्ड कद में छोटे थे लेकिन उनकी काबिलियत ने विश्व क्रिकेट में उनका कद ऊंचा कर दिया है। रिकॉर्ड स्टंपिंग के अलावा, ओल्डफील्ड ने 78 कैच भी लपके हैं।

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