विराट कोहली (Virat Kohli) को कई लोग ऑलटाइम बेस्ट टेस्ट कप्तान मानते हैं। उन्होंने 2015 में टेस्ट टीम की कप्तानी संभालने के बाद भारतीय क्रिकेट में एक क्रांति ला दी थी। एमएस धोनी ने आश्चर्यजनक रूप से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की और इसके तुरंत बाद, कोहली टीम के फुलटाइम कप्तान बन गए।
उनकी लीडरशिप में भारतीय टीम ने विदेशों में लगातार टेस्ट जीते। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को उनकी सरजमीं पर हराते हुए अपना दबदबा बनाया और पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल की थी। दुर्भाग्य से, चयनकर्ताओं के साथ गलत कम्युनिकेशन और स्पष्टता की कमी के कारण, कोहली ने इस साल की शुरुआत में टेस्ट कप्तान के रूप में पद छोड़ने का फैसला किया।
उसके बाद दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) भारत के नए टेस्ट कप्तान बने, लेकिन अब बीसीसीआई ने स्प्लिट कप्तानी अपनाने का फैसला किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि स्प्लिट कप्तानी सिर्फ वनडे और टी20 इंटरनेशनल या तीनों प्रारूपों के लिए है, लेकिन अगर यह तीनों प्रारूपों के लिए है, तो विराट को फिर से टेस्ट कप्तान बनाने के दो कारण हैं।
1. विराट कोहली कभी भी टेस्ट कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते थे
दाएं हाथ के बल्लेबाज विराट कोहली जैसा खिलाड़ी और कप्तान पीढ़ी में एक बार आता है। जब वह कप्तान होते हैं तो वह पूरी तरह से एक अलग खिलाड़ी होते हैं। यह देखना निराशाजनक था कि उन्होंने कैसे कप्तानी छोड़ी क्योंकि वह ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जो टेस्ट चैंपियनशिप के बीच में एक महत्वपूर्ण पद छोड़ देंगे।
इसलिए उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या वह फिर से कप्तान बनना चाहते हैं। इसके अलावा, उन्हें शायद ही कोई चोट या फिटनेस की समस्या है, जिसका अर्थ है कि एक लीडर सभी मैचों में कप्तानी करना जारी रखेगा।
2. रोहित शर्मा सिर्फ वनडे वर्ल्ड कप पर कर सकते हैं फोकस
रोहित शर्मा कप्तान के रूप में टी20 वर्ल्ड कप नहीं जीत सके, लेकिन उनके पास अगले साल भारत को वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाने के लिए इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराने का सुनहरा मौका है।
चूंकि मेगा इवेंट भारत में होगा, रोहित के पास वनडे वर्ल्ड कप के लिए बेहतर योजना होनी चाहिए। फैन्स की उम्मीदें आसमान पर होंगी। अगर उन पर टेस्ट कप्तानी का बोझ नहीं है तो यह एक व्यक्ति के तौर पर उनके लिए बेहतर होगा। ऐसे में बीसीआई को विराट कोहली से फिर से टेस्ट कप्तान बनने के लिए कहना चाहिए।
विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली है जिसमें से 40 में टीम ने जीत का स्वाद चखा है और 17 में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं 11 टेस्ट मैच ड्रा हो गए है।