CricketFeature

इन दिग्गज क्रिकेटर्स ने टेस्ट क्रिकेट को बनाया और भी मनोरंजक

यह कहना गलत नही होगा कि, मनोरंजक होने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट बहुत सारे क्रिकेट फैंस के लिए उबाऊ भी होता है

कोई भी क्रिकेट प्रशसंक प्रत्येक मैच में रोमांच चाहता है। यह रोमांच हवा में बाउंड्री और हवा में लहराती नही गेंदों से अधिक बढ़ता है। बेशक, टेस्ट क्रिकेट की अपनी विशेषताएं हैं जो दर्शकों को पसंद आती हैं। लेकिन, फिर भी यह कहना गलत नही होगा कि मनोरंजक होने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट बहुत सारे क्रिकेट फैंस के लिए उबाऊ भी होता है, क्योंकि इसमें ‘एक्शन’ की कमी होती है।

Advertisement

हालांकि, ऐसे भी कुछ मैच हुए हैं जिनमें रोमांच चरम पर रहा है। लेकिन, वास्तव में क्रिकेट का यह फॉर्मेट प्लेयर्स के धैर्य और दृढ़ संकल्प की परीक्षा है। क्रिकेट के इस सबसे लंबे प्रारूप के तमाम मिथकों को तोड़ते हुए कुछ प्लेयर्स ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने इसे और अधिक मनोरंजक करने में कोई कसर नही छोड़ी है।

आज के इस लेख में, हम ऐसे ही क्रिकेटरों पर नज़र डालेंगे, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट को और अधिक मनोरंजक बनाया।

Advertisement

1.) वीरेंद्र सहवाग:

अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में 6 दोहरा शतक और दो तिहरे शतक लगाने वाले खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग का दृष्टिकोण टेस्ट के प्रति एक दम स्पष्ट था। वास्तव में, सहवाग सिर्फ रन बनाना चाहते थे, उन्हें अपने विकेट की कोई खास चिंता कभी दिखाई नही दी। वनडे से टेस्ट क्रिकेट में आने पर उनकी जर्सी का रंग ज़रूर बदलता था लेकिन वह अपने क्रिकेट खेलने के रंग में कोई बदलाव नही कर पाते थे।

यदि वीरेंद्र सहवाग क्रीज पर हैं तो भारतीय टीम को किसी प्रकार की चिंता करने की कोई आवश्यकता नही होती थी। हर कोई जानता था कि एक खराब गेंद हवाई यात्रा या फिर कम से कम बाउंड्री तक तो पहुंचेगी। टेस्ट क्रिकेट में भी वह कभी भी धैर्य से खेलते हुए नही दिखाई दिए। उनका बल्लेबाजी कौशल उन्हें वास्तव में फैंस के बीच लोकप्रिय बना चुका था और टेस्ट क्रिकेट में खेलने का तरीका उन्हें मनोरंजक कहने में मजबूर करता है।

2.) विराट कोहली:

विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट को और मनोरंजक बनाने वाले क्रिकेटरों में से एक हैं। हालांकि, सफेद जर्सी में उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजों पर कहर ढाए हैं वह उन्हें बड़ा मनोरंजनकर्ता बनाता है। यह कोहली ही हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी कौशल से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उन्हीं के घर में मात दी है।

Advertisement

टेस्ट में सबसे ज्यादा दोहरा शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी विराट का खेल के प्रति जुनून बेजोड़ है। वह यह भी जानते हैं कि बाउंड्री के पास फील्डिंग करते हुए दर्शकों को कैसे उत्साहित किया जाए और उनसे कैसे बातचीत की जाए। बेशक, वह जिस तरह से अपनी और अपने साथियों की व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाते हैं, ऐसा चरित्र बहुत कम देखने को मिलता है।

3.) ब्रेंडन मैकुलम:

ब्रेंडन मैकुलम की बल्लेबाजी के बारे में बात करने के लिए हमें इससे बेहतर शब्द नहीं मिलता कि वह सहवाग की तरह ही अपने आक्रमणकारी खेल के लिए जाने जाते थे। यही कारण है कि, वह सहवाग की तरह ही सफलता प्राप्त करने में कामयाब रहे। मैकुलम की तकनीक टेस्ट के अनुरूप कभी नही रही।

हालाँकि, उन्होंने एक बार 775 मिनट तक बल्लेबाजी की, यह वही पारी थी जिसमें उन्होंने 302 रन  बनाए थे यानि कि तिहरा शतक जड़ा था। साथ ही उनके नाम प्रारूप में सबसे तेज शतकों में से एक भी है। करियर के 107 छक्कों के साथ मैकुलम इस आंकड़े में शीर्ष पर हैं। एक दर्शक के लिए, ब्रेंडन मैकुलम को बल्लेबाजी करते हुए देखना पूरी तरह से पैसा वसूल यानी मनोरंजन से भरा हुआ था।

Advertisement

4.) एडम गिलक्रिस्ट:

एकदिवसीय मैचों में सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में से एक , एडम गिलक्रिस्ट ने भी टेस्ट क्रिकेट में विस्फोटक की भूमिका निभाई। हालांकि, उन्हें यहां एक अलग भूमिका में काम करने के लिए निचले मध्यक्रम में बल्लेबाजी करनी होती थी। लेकिन, ऐसे कई टेस्ट मैच रहे जिसमें गिलक्रिस्ट के बल्ले से ही विजयी रन निकले।

टेस्ट क्रिकेट में, 100 छक्कों और 81.95 की स्ट्राइक रेट सहित, ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज के पास ज्यादातर मौकों पर बड़े शॉट खेलने का लाइसेंस था। उन्होंने सबकुछ जोश के साथ किया और एक टेस्ट मैच में कुछ एक्शन के साथ दर्शकों का मनोरंजन किया।

5.) कर्टली एम्ब्रोस:

अधिकांश कैरीबियाई प्लेयर्स की तरह, कर्टली एम्ब्रोस भी पूरी तरह स्वैग के साथ खेलने वाले ऐसे प्लेयर थे जिन्हें शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट के अनुकूल नहीं समझा गया। लंबे कद के एम्ब्रोस की गेंदबाजी गति किसी भी बल्लेबाज के लिए घातक सिद्ध हो सकती थी। इसके साथ ही एम्ब्रोज़ का क्रिकेट कौशल उनके लिए एक ‘एंटरटेनर’ कहलाने के लिए पर्याप्त था।

Advertisement

वास्तव में, कर्टली एम्ब्रोस एकदम अलग तरह के प्लेयर थे। उनके चुप रहने और किसी से बात न करने के कारण उन्हें “कर्टली टॉक टू नो मैन” के नाम से जाना जाने लगा था। खासतौर से विकेट लेने के बाद उनका जश्न मनाने का तरीका दर्शकों को बेहद रोमांचित करता था। इसलिए, वह उन क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट को और अधिक मनोरंजक बनाया।

यह भी पढ़ें: वो भारतीय बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बनाया सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड।

Advertisement

Related Articles

Back to top button