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सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इस नियम में चाहते हैं बदलाव

बेन स्टोक्स को नॉट आउट करार दिए जाने के बाद दुनिया भर से सामने आ रहीं हैं प्रतिक्रिया

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि वह आईसीसी के उस नियम में बदलाव चाहते हैं जो वर्तमान में क्लीन बोल्ड आउट होने पर लागू होता है। दरअसल, बोल्ड होने के मौजूदा नियम के अनुसार गेंद स्टंप्स से टकराने पर भी बल्लेबाज क्लीन बोल्ड नहीं हो सकता, यदि उस पर रखी हुई बेल्स नहीं गिरती हैं।

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उल्लेखनीय है कि, पिछले कुछ वर्षों में क्रिकेट के इस नियम के साथ किसी को कोई समस्या नहीं हुई है। क्योंकि, जब भी गेंद स्टंप्स के साथ किसी भी तरह के संपर्क में आती है, तो आमतौर पर बेल गिर जाती है। हालांकि, ऐसे भी कुछ दृश्य सामने आए हैं। जिसमें गेंद के स्टंप में लगने के बाद भी बेल नहीं गिरती हैं।

ऐसा ही हुआ, कल सिडनी में चल रहे एशेज टेस्ट के तीसरे दिन, जब स्टंप पर गेंद लगने के बाद भी बेल नहीं गिरी। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन की 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी गई गेंद पर बेन स्टोक्स बल्लेबाजी कर रहे थे। तब गेंद, सीधे जाकर स्टंप पर लगी और बेल्स अपने स्थान पर रखीं रह गईं थीं।

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कैमरन ग्रीन शानदार गेंदबाजी कर रहे थे, और एक सीम अप डिलीवरी पर बेन स्टोक्स ने गेंद को विकेटकीपर के दस्तानों में जाने के लिए छोड़ दिया था। लेकिन, गेंद ऑफ स्टंप को टकराते हुए विकेटकीपर के दस्तानों में जाकर समा जाती है।

चूंकि, गेंद स्टंप से टकराई थी, जिसकी साफ आवाज भी आई थी। इसलिए, ऑस्ट्रेलियाई फील्डर्स को लगा कि गेंद पैड से टकराई है। और उन्होंने लेग बिफोर (LBW) की अपील की, जिस पर अंपायर ने स्टोक्स का आउट करार दिया। लेकिन टीवी रिप्ले से पता चला गेंद कहीं पैड के करीब थी ही नहीं।और, गेंद वास्तव में, स्टंप्स टकराई थी। चूंकि, गेंद लगने के बाद बेल्स नहीं गिरे थे, इसलिए मौजूदा कानून के तहत किसी भी तरह की बर्खास्तगी का कोई मामला नहीं था।

हालांकि, यह सब देखने के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि वहां क्या हुआ था। चूंकि, बेन स्टोक्स अब नॉट आउट थे और उन्हें बल्लेबाजी करने का एक और मौका मिल गया था इसलिए, वह बेहद खुश नजर आए।

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एशेज टेस्ट में हुई इस घटना के सामने आने के बाद दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जिसमें, कई दिग्गज क्रिकेट स्टार्स समेत तमाम क्रिकेट फैंस की प्रतिक्रियाएं सामने आयीं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी उनमें से एक थे। जिन्होंने, ट्वीट कर कहा कि क्रिकेट के इस नियम में बदलाव समय की जरूरत हो सकती है।

सचिन तेंदुलकर चाहते हैं कि खेल गेंदबाजों के लिए “निष्पक्ष” हो

क्रिकेट का क्लीन बोल्ड नियम, जब कई दशकों पहले लागू किया गया था। तब, ऐसे तकनीकी बिंदुओं पर शायद विचार नहीं किया गया था। हालांकि, अब जिस तरह की तकनीक है, उसके साथ यह निर्धारित करना मुश्किल नहीं है कि गेंद स्टंप्स पर लगी है या नहीं, भले ही बेल्स गिरे या न गिरे। यदि गेंद स्टंप्स से टकराती है और बेल नहीं गिरती है, तो बल्लेबाज को आउट दिए जाने के लिए स्निको और हॉटस्पॉट निर्णायक सबूत के रूप में कारगर साबित हो सकते हैं।

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