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भारतीय मूल के ये तीन क्रिकेटर भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका मैच का रह चुके हैं हिस्सा

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने के बाद वनडे सीरीज भी हार चुकी है टीम इंडिया

भारत निस्संदेह क्रिकेट का सबसे बड़ा केंद्र है, और हर साल यहां क्रिकेट में नए खिलाड़ियों का उदय होता है। लेकिन, हर खिलाड़ी को अपने देश के लिए खेलने का अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिलता है। यही कारण है कि, कई खिलाड़ी अधिक अवसरों की तलाश में विदेश चले जाते हैं। क्रिकेटरों का एक ऐसा समूह भी है, जिनके माता-पिता भारतीय हैं पर इन खिलाड़ियों ने भारत के खिलाफ भी खेला है। इस लेख में, हम तीन ऐसे भारतीय मूल के क्रिकेटरों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत के मैच में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया।

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3.) सेनुरन मुथुसामी:

मुथुसामीमुथुसामी का परिवार दशकों पहले दक्षिण अफ्रीका चला गया था, और उनका जन्म 1994 में हुआ था। मुथुसामी एक ऑलराउंडर हैं जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और बाएं हाथ के स्पिनर हैं। घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद, उन्हें अक्टूबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत के मैच में अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करने के लिए बुलाया गया।

विजाग में पहले टेस्ट में, मुथुसामी को पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका के पांचवें गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल किया गया था। भारत की सलामी जोड़ी ने 317 रनों की विशाल साझेदारी की, और सभी स्पिनरों सलामी जोड़ी के सामने घुटने टेकने पड़े। मुथुसामी ने इस मैच में 15 ओवर फेंके,जिसमें 63 रन दिए और विराट कोहली का सबसे महत्वपूर्ण विकेट लिया । उन्होंने दूसरी पारी में बल्ले से 33 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली जिसकी बदौलत दक्षिण अफ्रीका 431 रन बना सकी।

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मुथुसामी ने तीसरी पारी में सिर्फ 3 ओवर फेंके और 20 रन दिए। दक्षिण अफ्रीका को खेल जीतने के लिए 395 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करना था। भारतीय गेंदबाजों ने अफ्रीका को 191 रनों पर समेट दिया गया लेकिन मुथुसामी ने बल्ले से फिर से प्रभावित किया। डेन पीड्ट और मुथुसामी ने नौवें विकेट के लिए 91 रनों की शानदार साझेदारी की पर दक्षिण अफ्रीका को मैच नही जिता सकी।

पुणे में दूसरे टेस्ट में भारत ने फिर जबरदस्त बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया और पहली पारी में एक विशाल स्कोर बनाया। यह मुथुसामी का आखिरी टेस्ट था, क्योंकि वह बल्ले और गेंद दोनों से प्रभावित करने में नाकाम रहे।

2.) केशव महाराज भी हैं दक्षिण अफ्रीका टीम का हिस्सा:

केशव महाराज भारत और अफ्रीका के बीच जारी एकदिवसीय श्रृंखला का हिस्सा हैं। जहाँ वह अफ्रीका की स्पिन गेंदबाजी का नेतृत्व कर रहे हैं। महाराज का परिवार एक सदी से भी अधिक समय से दक्षिण अफ्रीका में रह रहा है। उनके पूर्वज बेहतर जीवन शैली की तलाश में 19वीं शताब्दी में दक्षिण अफ्रीका में बस गए थे। महाराज नेटाल, डरबन में पले-बढ़े और 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। तब से वह टेस्ट क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर के तौर पर पहली पसंद बने हुए हैं।

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2018 में भारत की दक्षिण अफ्रीका में पिछली यात्रा के दौरान, महाराज ने पहले दो टेस्ट खेले। केपटाउन में उन्होंने सिर्फ 10 ओवर फेंके और कोई विकेट नहीं लिया। सेंचुरियन में दूसरे टेस्ट में, उन्होंने दूसरी पारी में 20 ओवर फेंके और सेट हो चुके बल्लेबाज मुरली विजय को आउट किया। दक्षिण अफ्रीका ने आराम से श्रृंखला जीत ली, लेकिन महाराज जोहान्सबर्ग में आखिरी टेस्ट मैच में नहीं खेले थे।

2019 में साउथ अफ्रीका का भारत दौरा महाराज के लिए एक बुरे सपने के जैसा रहा। केशव महाराज के हर विकेट का औसत 171.33 था जिसकी वजह से उन्हें अंतिम दो टेस्ट के लिए बाहर कर दिया गया। पुणे में, उन्होंने दूसरी पारी में 72 रन बनाये जो कि साउथ अफ्रीका कि ओर से सर्वाधिक स्कोर था।

1.) हाशिम अमला:

“मेरे दादा-दादी भारत से आए थे, लेकिन मैं दक्षिण अफ्रीकी हूं” पत्रकारों द्वारा भारत के खिलाफ खेलते हुए उनकी भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर यह अमला का जवाब था। अपने शांत स्वभाव के लिए याद किये जाने वाले हासिम अमला जब अपनी कलाइयों का इस्तेमाल करके बल्लेबाज़ी करते थे तो दर्शकों को उनकी बल्लेबाजी बहुत पसंद आती थी। अमला के पास बल्लेबाजी के बहुत से रिकॉर्ड हैं, जिसमें एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज 2000 रन बनाने का रिकॉर्ड भी शामिल है।

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अमला ने भारत के खिलाफ सभी फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया है।अमला ने भारत के खिलाफ सभी पफॉर्मेट में 2500 से अधिक रन बनाए हैं। उन्होंने भारत की ज़मीन पर भारत के ही खिलाफ 62.73 की औसत से 941 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक को पार किया। हालांकि, उन्हें भारत के खिलाफ एकदिवसीय मैचों में ज्यादा सफलता नहीं मिली, जैसा कि उनके 37.52 के औसत से स्पष्ट है।

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